मंथन शिविर में भाजपा की अंतर्कलह आई सामने
संगठन और सत्ता का संघर्ष किसी से छुपा नहीं : सुधीर शर्मा
शिमला, 18 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने प्रदेश भाजपा के तीन दिवसीय मंथन शिविर पर तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा की अंदरूनी चिंता का जो विष इस शिविर से बाहर निकला है,अब उसे इसे पीने को भी तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा है कि इस मंथन शिविर में भाजपा की अंतर्कलह सामने आ चुकी है जिसे वह छुपाने का असफल प्रयास कर रही है।
सुधीर शर्मा ने आज शिमला से जारी बयान में कहा कि प्रदेश में इन तीन सालों में जयराम सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल साबित हुई है। एक तरफ जहां सरकार और नौकरशाही के बीच कोई तालमेल नहीं रहा है वहीं दूसरी ओर संगठन और सत्ता का संघर्ष भी किसी से छुपा नही है। यही वजह है कि भाजपा के एक वर्ग ने नेतृत्व परिवर्तन की मुहिम को छेड़ा है जिसे शांत करने के लिए भाजपा को इस मंथन शिविर की जरूरत पड़ी है।
सुधीर शर्मा ने कहा कि अच्छा होता भाजपा अपने इस मंथन शिविर में प्रदेश की ज्वलंत समस्याओं जैसे बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई के साथ-साथ कोरोना से प्रभावित बंद पड़े लोगों के व्यवसाय,पर्यटन उद्योग व उससे जुड़े उद्योग को फिर से शुरू करने की किसी विस्तृत कार्य योजना पर चर्चा करते व केंद्र सरकार से प्रदेश की आर्थिकी सुदृढ करने की कोई मांग या प्रस्ताव करते।
सुधीर ने शर्मा ने कहा कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी की सरकार को कोई चिंता नहीं है। आज प्रदेश विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ चुकी है। सरकार अपने खर्चे चलाने के लिए विकास के नाम पर कर्ज पर कर्ज ले रही है। विकास के नाम पर इन तीन सालों में एक ईंट तक नहीं लगी। भाजपा के नेताओं ने कोरोना की इस विपदा को अवसर में बदलने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को मुहंकी खानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा से लोगों का मोह पूरी तरह भंग हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब भाजपा कितने भी मंथन या चिंतन कर ले, उसकी सत्ता से विदाई तय है।