निजी संकल्प
हिमाचल प्रदेश की केंद्र से गुहार
पांच साल और बढ़ाया जाए औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज
शिमला, 12 अगस्त। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य को मिले विशेष औद्योगिक पैकेज को पांच साल और बढ़ाने की केंद्र से मांग की है। इस संबंध में प्रदेश विधानसभा ने आज निजी कार्यदिवस के तहत एक संकल्प पास किया। यह संकल्प भाजपा विधायक बलवीर सिंह ने लाया था, जिसे सदन ने विपक्ष की गैर-मौजूदगी में ध्वनिमत से स्वीकार करते हुए पास कर दिया।
गौरतलब है कि हिमाचल में औद्योगिक प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित उद्योग विकास योजना मार्च 2022 में समाप्त होने जा रही है। केंद्र सरकार ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित नई औद्योगिक इकाइयों और पर्याप्त विस्तार करने वाली औद्योगिक इकाइयों के लिए औद्योगिक विकास योजना 2017 की घोषणा 23 अप्रैल 2018 को की थी। इस योजना के तहत औद्योगिक इकाइयों को ऋण प्राप्त करने के लिए केंद्रीय पूंजी निवेश प्रोत्साहन 5 करोड़ रुपए की ऊपरी सीमा के साथ संयंत्र व मशीनरी में पात्र निवेश के 30 फीसदी के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस मुद्दे पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार के औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग द्वारा 440 इकाइयों को पंजीकृत किया गया है। अभी भी इस योजना के तहत केंद्र सरकार के पास 77 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश में 71 दावे अनुमोदित किए जा चुके हैं। इनमें 112.64 करोड़ रुपए की सब्सिडी मंजूर की गई है।
इससे पूर्व, भाजपा सदस्य बलबीर सिंह ने प्रदेश में औद्योगिक प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित उद्योग विकास योजना को अगले पांच वर्षों तक बढ़ाने को लेकर निजी संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि यह योजना मार्च 2022 तक कार्यान्वित है और राज्य में औद्योगिक विकास के लिए इसे आगे बढ़ाया जाना जरूरी है।
जीतराम कटवाल ने उनके क्षेत्र झंडुता में नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने इसके लिए सरकार से सर्वे करवाने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि ग्रामीण इलाकों में भी औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
सदस्य होशियार सिंह ने कहा कि इस योजना को 15 साल के लिए बढ़ाया जाना चाहिए और इसके लिए केंद्र से विशेष पैकेज लेना चाहिए। परमजीत सिंह पम्मी ने इस चर्चा में हिस्सा लिया।