भाजपा में बगावत का मामला

भाजपा में बगावत का मामला

शिमला, 26 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए बगावत के कारण प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए जुब्बल कोटखाई विधानसभा उपचुनाव में बागियों द्वारा पार्टी नेतृत्व के एक न मानने के चलते अब उनपर कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। पार्टी ने आज एक बार फिर जुब्बल कोटखाई से लगभग दो दर्जन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। साथ ही ये भी घोषणा कर दी है कि पार्टी से निष्कासित किए गए पदाधिकारियों को फिर से पार्टी में वापिस नहीं लिया जाएगा। पार्टी पदाधिकारियों को निष्कासित करने की भाजपा की ये मुहिम डैमेज कंट्रोल मानी जा रही है ताकि पार्टी यहां अपनी जीत सुनिश्चित कर सके। हालांकि बिना कुनबे के जुब्बल कोटखाई में चुनाव लड़ रही सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यहां जीत आसान नहीं है।

महासू जिला भाजपा अध्यक्ष अजय श्याम ने आज उपाध्यक्ष महावीर झगटा, जिला उपाध्यक्ष इंद्र चौहान व सुरेंद्र धौल्टा, कार्यसमिति सदस्यों कृष्ण चंद मांटा, वीरेंद्र चौहान, राजेंद्र चौहान, अशोक चौहान, निक्कम सिंह बाल्टू,बलवीर ठाकुर , श्याम शर्मा व मोहिंद्र झगटा को पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित कर दिया।

किसान मोर्चा के राज्य अध्यक्ष डॉ राकेश शर्मा बबली ने मोर्चा के नेता किताब सिंह नेगी, सचिव राजेंद्र चौहान, कार्यकारिणी के सदस्य महावीर झगटा व जुब्बल मंडल अध्यक्ष मनोज को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नितेन कुमार ने उपाध्यक्ष सतीश हेमटा, जिला महामंत्री मोती लाल, सचिव शक्ति सिंह, सोशल मीडिया के जिला सह संयोजक रवींद्र रावल तथा जुब्बल मंडल अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष अनंत लाल केस्टा को निष्कासित कर दिया। इन सभी नेताओं को पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि उप चुनाव में भाजपा ने जुब्बल कोटखाई से नीलम सरैइक को उम्मीदवार बनाया है। नीलम सरैइक को पार्टी उम्मीदवार घोषित करने के हाई कमान के फैसले के बाद जुब्बल कोटखाई में भाजपा में बगावत हुई। पूर्व मंत्री स्व. नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा ने बगावत का बिगुल फूंका। बरागटा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे। भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।

भाजपा को उम्मीद थी कि चेतन बरागटा के निष्कासन के बाद बागियों के तेवर ढीले पड़ेंगे। मगर जुब्बल कोटखाई मंडल भाजपा के कई पदाधिकारियों ने चेतन बरागटा के समर्थन में त्याग पत्र दे दिए। मंडल भाजपा के पदाधिकारियों के त्याग पत्र के बाद पार्टी नेतृत्व ने अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई शुरू  की।