हिमाचल से बाहरी राज्यों के लिए आरंभ होगी वॉल्वो बस सेवा

हिमाचल से बाहरी राज्यों के लिए आरंभ होगी वॉल्वो बस सेवा

पर्यटन कारोबार में आएगी और तेजी

शिमला, 27 जून। कोरोना महामारी की दूसरी लहर धीरे-धीरे कम हो रही है। ऐसे में हिमाचल की जयराम ठाकुर सरकार अपनी आर्थिक गतिविधियों को फिर से पटरी पर लाने में जुटी है। इसी क्रम में हिमाचल पथ परिवहन निगम की वॉल्वो बस सेवा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद फिर से शुरू होने जा रही है। हिमाचल से बाहरी राज्यों के लिए ये वॉवो बस सेवा पहली जुलाई से फिर से बहाल हो जाएगी।

जानकारी के मुताबिक राज्य पथ परिवहन निगम ने वॉल्वो बस सेवा बहाल करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। इसके तहत निगम ने वॉल्वो बसों के लिए अपनी ऑनलाइन बुकिंग आरंभ कर दी है। ये ऑनलाईन बुकिंग पहली जुलाई से की जा रही है और इसके लिए एचआरटीसी को अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है।

पथ परिवहन निगम ये बुकिंग कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कर रहा है। वॉल्वो बसों में केवल आधी सीटें ही बुक की जा रही है जबकि आधी सीटों को ब्लॉक कर दिया गया है। परिवहन निगम की वॉल्वो बस सेवाएं फिलहाल शिमला-दिल्ली, दिल्ली-शिमला, हमीरपुर-दिल्ली, दिल्ली-हमीरपुर और सरकाघाट-दिल्ली और दिल्ली-सरकाघाट रूट के अलावा मनाली-दिल्ली व धर्मशाला-दिल्ली के बीच भी चलेगी।

राज्य पथ परिवहन निगम ने भले ही बाहरी राज्यों के लिए वॉल्वो बस सेवा की बुकिंग आरंभ कर दी है लेकिन साधारण बसों की बुकिंग अभी तक निगम ने शुरू नहीं की है। जयराम ठाकुर सरकार ने पहली जुलाई से ही बाहरी राज्यों के लिए साधारण बस सेवा भी आरंभ करने की घोषणा की है।

निजी बस आप्रेटर सरकार को लगवा रहे चूना

हिमाचल सरकार ने भले ही अभी तक राज्य में वॉल्वो बस सेवा आरंभ नहीं की है लेकिन बाहरी राज्यों में ये सेवा आरंभ हो चुकी है। ऐसे में खासकर दिल्ली से मनाली और दिल्ली से शिमला व धर्मशाला की ओर वॉल्वो बसों से घूमने के लिए आर रहे पर्यटक हिमाचल की सीमा तक वॉल्वो बसों में पहुंच रहे हैं। यहां से आगे प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर विशेष बसों के माध्यम से इन पर्यटकों को प्रदेश के पर्यटक स्थलों तक पहुंचा रहे हैं। इससे भले ही निजी बस आप्रेटरों को अच्छी कमाई हो रही है लेकिन सरकार को कर राजस्व के रूप में चूना लग रहा है। क्योंकि एक ओर जहां वॉल्वो बसों से होने वाली राजस्व की कमाई उसे नहीं हो रही है वहीं निजी बस आप्रेटर अपने दैनिक रूटों पर अपनी बसों को नहीं चला रहे हैं और इसके स्थान पर महंगी दरों पर केवल पर्यटकों को ढोने में जुटे हैं।