डिमांड सर्वे के बाद आवास बनाएगा हिमुडा

डिमांड सर्वे के बाद आवास बनाएगा हिमुडा

रामपुर व देहरा में हिमुडा की जमीन की नीलामी प्रक्रिया जल्द होगी पूरी

शिमला, 27 अगस्त। गले की फांस बनी करोड़ों की जमीनों को बेचने के लिए हिमुडा डिमांड सर्वे करवाएगा। डिमांड सर्वे के बाद इन जमीनों के प्लाट अथवा इनमें आवास बनाकर लोगों को बेचे जाएंगे। हिमुडा धर्मशाला व कुछ अन्य जगहों पर जहां डिमांड सर्वे करवाने की सोच रहा है, वहीं जुब्बड़हट्टी के नजदीक खरीदी गई करोड़ों की भूमि में से कुछ के प्लाट बना कर बेचने की भी योजना है। मगर योजना को अमलीजामा पहनाने से पहले इस इलाके को टीसीपी के दायरे से बाहर करना होगा।

हिमुडा की हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, जुब्बड़हट्टी, त्रिलोकपुर, देहरा, रामपुर, ऊना व राजगढ़ के साथ-साथ कुछ अन्य स्थानों पर जमीनें हैं। पूर्व सरकारों के वक्त इन जमीनों को खरीदा गया। हैरानी की बात तो यह है कि जमीनों को खरीदने से पहले न तो इन इलाकों में प्लाट व न ही फ्लैट की मांग को लेकर सर्वे किया गया। नतीजतन अब करोड़ों में खरीदी गई ये जमीनें हिमुडा के गले की फांस बनी हुई हैं। जमीनों में प्लाट अथवा फ्लैट न बिकने से हिमुडा की आर्थिक हालत बिगड़ रही है। करोड़ों की जमीनों की बिक्री न होने की वजह से हिमुडा के समक्ष कर्मचारियों के वेतन के भुगतान की भी दिक्कत खड़ी हो रही है।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में बताया कि संपत्तियों को कैसे बेचा जा सकता है इसके लिए डिमांड सर्वे होगा। इसमें कई तरह के विकल्प हिमुडा के सामने आ सकते हैं। संपत्तियों को बेचने के लिए लगातार नीलामी रखी जा रही है मगर उसका ज्यादा लाभ मिलता नहीं दिख रहा। उन्होंने बताया कि रामपुर व देहरा में मौजूद हिमुडा की जमीन की नीलामी प्रक्रिया जल्द पूरी होगी। उन्होंने बताया कि देहरा की जमीन को आवासीय जरूरतों के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय को बेचने का एक प्रस्ताव था मगर अभी तक उनकी ओर से भी कोई जवाब नहीं आया है। धर्मशाला में मौजूद जमीन पर आवासीय कॉलौनी का निर्माण किया जाना है मगर इसके लिए पैसा नहीं जबकि यहां टीसीपी की मंजूरी भी हो चुकी है। इसके अलावा राजगढ़, ऊना, त्रिलोकपुर में भी करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी गई है परंतु उनके लिए कोई खरीदार नहीं।

उन्होंने बताया कि डिमांड सर्वे के बाद मालूम होगा  कि किस एरिया में किस तरह की डिमांड है जिसके अनुसार उस जमीन को प्लाट अथवा फ्लैट के तौर पर विकसित किया जा सकता है। इसमें हिमुडा कितना सफल हो पाएगा यह समय बताएगा क्योंकि वर्तमान में इसके हालात बिल्कुल ठीक नहीं है।