हिमाचल की सुक्खू सरकार एक्शन मोड में
बिजली बोर्ड के 32 कार्यलयों के बाद अब 01 अप्रैल, 2022 के बाद खुले स्वास्थ्य संस्थान भी बन्द करने का फरमान
चुनावी वर्ष में खुले लगभग 150 छोटे-बड़े कार्यलय बन्द होना तय
शिमला, 21 दिसम्बर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भले ही कोरोना संक्रमित हैं और दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं लेकिन प्रदेश में उनकी सरकार जबरदस्त एक्शन मोड में हैं। सुक्खू दिल्ली से सरकार को एक्शन मोड में रखे हुए हैं और पूर्व जयराम ठाकुर सरकार द्वारा चुनावी वर्ष में लिए गए एक के बाद एक सभी निर्णयों को रद्द किया जा रहा है। इसी कड़ी में बीते रोज जंहा सुक्खू सरकार ने पहली अप्रैल, 2022 के बाद राज्य में खोले गये बिजली बोर्ड के 32 छोटे- बड़े कार्यलयों को बंद कर दिया था वंही आज सरकार ने एक और बड़ा धमाका करते हुए उन सभी स्वास्थ्य संस्थानों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है जो पहली अप्रैल 2022 के बाद खोले गए थे या अपग्रेड किये गए थे। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में वर्ष 2022 में खुले लगभग 150 कार्यलय बन्द होना तय हो गया है।
हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सुभाशीष पंडा की ओर से आज जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा 12 दिसम्बर को लिए गए फैसले के मुताबिक पहली अप्रैल, 2022 के बाद से आज दिन तक प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में नए खोले गए और अपग्रेड किये गए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को डी-नोटिफाई कर दिया गया है। प्रदेश में चुनावी वर्ष 2022 में दर्जनों नए स्वास्थ्य संस्थान पूर्व जयराम ठाकुर सरकार ने खोले थे। साथ ही बड़ी संख्या में स्वास्थ्य संस्थानों को अपग्रेड भी किया गया था। ये स्वास्थ्य संस्थान न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में भी खोले गए थे। ऐसे में इनके बन्द होने से जंहा भाजपा को झटका लगा है वहीं कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की भी अपने-अपने क्षेत्रों में शपथ लेने से पहले ही किरकिरी हुई आरम्भ हो गई है।
इसी तरह सुक्खू सरकार ने बीते रोज बिजली बोर्ड के 32 डिवीज़न और सब डिवीज़न कार्यलय बन्द कर दिए थे। ये कार्यलय शिलाई, पौंटा साहिब, पच्छाद, रोहड़ू, सोलन, रेणुका जी, शिमला, ग्रामीण, सुजानपुर, सराज, सुलाह, चुराह, रामपुर, घुमारवीं और झंडूता विधानसभा क्षेत्रों में खोले गए थे। इन विधानसभा क्षेत्रों में से अधिकांश में इस बार कांग्रेस विधायक जीते हैं। ऐसे में उन्हें अब अपनी ही सरकार के फैसलों के कारण अभी से ही लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सुक्खू सरकार ने दो रोज पूर्व मंडी ज़िला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में बागवानी के क्षेत्र में चल रहे विदेशी सहायता प्राप्त शिवा प्रोजेक्ट का कार्यलय भी बन्द कर दिया था जिसका यंहा से जीते कांग्रेस विधायक चंद्र शेखर ने यह कहते हुए विरोध किया था कि ये फैसला उनकी जानकारी में नहीं है और न ही इस बारे में उनसे कोई राय ली गई है।
फिलहाल हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के फैसलों को पलटने के लिए जा रहे निर्णयों से भाजपा को नई सरकार के गठन के साथ ही कई बड़े मुद्दे विरोध के लिए हाथ लग गए हैं। ऐसे में सुक्खू सरकार को आरम्भ से ही भाजपा के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
भाजपा राज्यपाल को सौंपेगी ज्ञापन
हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने सुक्खू सरकार पर केवल बदला बदली की भावना से काम करने का आरोप लगाया है और कहा है कि कांग्रेस सरकार को हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास से कोई लेना देना नहीं है। कश्यप ने आज शिमला में कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली बोर्ड के 32 कार्यलय बन्द करने के फैसले के खिलाफ भाजपा राज्यपाल को ज्ञापन भेजेगी। ये ज्ञापन उन विधानसभा क्षेत्रों के एस डी एम के माध्यम से भेजे जाएंगे जिन क्षेत्रों में ये कार्यलय बन्द किये गए हैं। उन्होंने सरकार के इस कदम की निंदा भी की और कहा कि अगर जनहित में कार्य हुए हैं तो उनको बंद क्यों किया जा रहा है और अगर बंद किया जा रहा है तो उसके बारे में पूर्ण विश्लेषण देकर जनता को इस सरकार को बताना चाहिए कि इस कार्यालय को बंद करके सरकार को क्या फायदा हुआ है और जनता को क्या नुकसान।
अनूप रतन हिमाचल के नए एडवोकेट जनरल
वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप रतन हिमाचल प्रदेश के नए एडवोकेट जनरल होंगे। वह अशोक कुमार का स्थान लेंगे। प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अनूप रतन को प्रदेश का नया एडवोकेट जनरल लगाने की अधिसूचना देर रात जारी की। अनूप रतन वर्ष 1999 से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं। वह पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार में भी एडिशनल एडवोकेट जनरल रह चुके हैं और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबियों में से एक हैं।