हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र कल से

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से

महंगाई, बाढ़, बेरोजगारी, कोरोना और कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

सरकार भी अपनी उपलब्धियों के साथ विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार

शिमला, 1 अगस्त। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के से आरंभ हो रहे  मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। विपक्षी दल कांग्रेस ने जयराम ठाकुर सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, कोविड प्रबंधन, प्रदेश में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान और सड़कों की खराब हालत, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था तथा कर्मचारियों के लिए पंजाब वेतनमान की सिफरिशें जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है।

हिमाचल में कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद हो रहे मॉनसून सत्र के दौरान सरकार को इस बार विपक्ष के तीखे हमलों का सामना करना पड़ेगा। विपक्ष ने सत्र के आरंभ से ही सरकार को घेरने और कटघरे में खड़ा करने की तैयारी की है। महंगाई इस समय केंद्र से लेकर प्रदेश तक बड़ा मुद्दा है और कांग्रेस इस मुद्दे पर सबसे पहले सरकार को घेरेगी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लगभग 40 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब विधानसभा सत्र पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की गैरमौजूदगी में होगा। सत्र के पहले दिन दिवंगत वीरभद्र सिंह, नरेंद्र बरागटा, मोहन लाल, राम सिंह और अमर सिंह चौधरी को सदन में शोकाद‌्गार के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जाएगी और इसके उपरांत सदन की बैठक अगले दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी। सदन में इस बार खासकर वीरभद्र सिंह और नरेंद्र बरागटा की कमी सभी को खलेगी। ये दोनों ही विधायक बजट सत्र तक मौजूद थे और इन्होंने लगभग पूरे बजट सत्र में अपनी उपस्थिति सदन में दर्ज की। नरेंद्र बरागटा का बीते 6 जून को निधन हो गया था जबकि वीरभद्र सिंह का 8 जुलाई को देहांत हुआ।

विपक्ष के तल्ख तेवरों को देखते हुए सत्ता पक्ष ने भी जवाबी हमले की तैयारियां की है। खासकर कोविड प्रबंधन को लेकर सरकार मॉनसून सत्र के दौरान अपनी उपलब्धियों को बढ़चढ़ कर पेश करने वाली है। इसके अलावा प्रदेश में शीघ्र ही तीन विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव होने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि विपक्ष के तल्ख तेवरों का सत्तापक्ष भी तल्खी से जवाब देगा ताकि प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं में चुनाव के लिए गर्माहटा लाई जा सके।