अपराधों की जांच के लिए स्कॉट लाईन पुलिस मॉडल अपनाएगी हिमाचल पुलिस

शिमला, 19 जुलाई। हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा है कि प्रदेश पुलिस संगीन अपराधों की जांच के लिए स्कॉट लाईन पुलिस मॉडल अपनाने का प्रयास कर रही है। इसके तहत पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उन्हीं अपराधों की जांच सौंपी जा रही है जिसमें वे विशेषज्ञ हैं। कुंडू आज शिमला में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस ने अपराधों की जांच और कानून व्यवस्था के लिए अलग-अलग विंग बनाए हैं। इसके साथ ही पुलिस विभाग यह भी सुनिश्चत कर रहा है कि संगीन अपराधों की जांच तय समय के भीतर पूरी हो। इसके तहत जो जांच अधिकारी हत्या, बलात्कार, चोरी, महिला और बच्चों के विरुद्ध अत्याचार, मादक द्रव्य तथा अन्य अपराधों से जुड़े मामलों की जांच में महारथ पा चुके हैं उन्हें इसी तरह की जांच सौंपी जा रही है।

संजय कुंडू ने कहा कि पुलिस विभाग में जवानों के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए समय-समय पर पुलिस जवानों का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है। क्योंकि पुलिस की नौकरी काफी चुनौतियां भरी हैं। उन्होंने कहा कि विभाग में 20 से 30 फीसदी पुलिसकर्मी डिप्रेशन व डायबिटीज के शिकार हैं।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सरकार द्वारा पुलिस कांस्टेबल पद के नियम अधिसूचित होते ही राज्य में पुलिस भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1350 पुरुष व महिला कांस्टेबलों की भर्ती होनी है।

कुंडू ने एक सवाल के जवाब में कह कि राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए विभाग ईडी के साथ मिलकर काम कर रहा है और इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसे मामलों में 15 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति अटैच की जा चुकी है। उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस जवानों की डाइट मनी बढ़ाने और पुलिस कांस्टेबलों का अनुबंध कार्यकाल 8 साल से घटाकर तीन साल करने का मामला भी सरकार से उठाया गया है।

उन्होंने ये भी दावा किया कि पुलिस के प्रयासों से प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। कुंडू ने कहा कि वाहनों के कागजात देखने के बजाय ऐसे स्थानों पर जवान तैनात किए जा रहे हैं जहां अधिक सड़क हादसे होते हैं। इससे तेज रफ्तारी और नशे की हालत में वाहन चलाने पर रोक लगी है।