हिमाचल की खेल नीति तैयार

हिमाचल की खेल नीति तैयार

विंटर स्पोर्टस और स्थानीय खेलों को नीति में बढ़ावा

शिमला, 2 सितंबर। हिमाचल प्रदेश की नई खेल नीति बन कर तैयार हो गई है। नई खेल नीति में खेल और खिलाड़ी दोनों के हितों का ध्यान रखा गया है और इसमें विंटर स्पोर्टस के साथ-साथ स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। ये बात प्रदेश के खेल व वन मंत्री राकेश पठानिया ने आज शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।

राकेश पठानिया ने कहा कि नई खेल नीति को लेकर शीघ्र ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैठक की जाएगी और फिर इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई खेल नीति में विंटर स्पोर्टस को लेकर काफी प्रावधान किए गए हैं ताकि राज्य में इस क्षेत्र में मौजूद खेल संभावनाओं का तेजी से दोहन किया जा सके।

खेल मंत्री ने कहा कि नई खेल नीति में कुश्ती, बॉलीवॉल, तीरंदाजी, शूटिंग और एथलेटिक्स पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये स्थानीय खेल हैं और इसमें प्रतिभाओं की खोज कर प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। पठानिया ने ये भी कहा कि अब स्कूलों से ही बच्चों को कोचिंग दी जाएगी तथा प्रतिभावान बच्चों को अकादमी में तराशा जाएगा। उन्होंने कहा कि खेलों के लिए शिमला, धर्मशाला और मनाली में तीन खेल स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। इनपर 22 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन तीनों स्थानों को हवाई सेवाओं से जोड़ा जाएगा ताकि बड़े खिलाड़ी आसानी से हिमाचल पहुंचकर यहां की स्वच्छ आबो-हवा का फायदा उठा सके।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की अभी कोई खेल नीति नहीं है। पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई खेल नीति को राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी थी और मौजूदा जयराम ठाकुर सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पूर्व सरकार द्वारा बनाई गई खेल नीति को वापिस ले लिया था। राज्य की नई खेल नीति बनाने में जयराम ठाकुर सरकार को लगभग चार साल का समय लग गया। उम्मीद जताई जा रही है कि मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म होने से पहले-पहले प्रदेश को अपनी नई खेल नीति मिल जाएगी।