कांगड़ा जिला सबसे अधिक प्रभावित, मुख्यमंत्री ने लिया हालात का जायजा
हिमाचल में अगले कुछ दिन जारी रहेंगी दुश्वारियां
शिमला, 13 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के सक्रिय होते ही मॉनसून का तांडव भी लगातार जारी है। राज्य में अनेक स्थानों पर भारी से अधिक भारी वर्षा हो रही है जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मॉनसून की इस अति भारी वर्षा से कांगड़ा जिला सबसे अधिक प्रभावित है जहां भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। कांगड़ा जिला में बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज जहां भूस्खलन प्रभावित कांगड़ा के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की बोह घाटी का हवाई सर्वेक्षण किया वहीं बाद में मौके पर जाकर भी स्थिति का जायजा लिया। राज्य के अन्य हिस्सों में भी मॉनसून के कारण दुश्वारियां जारी हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश में मॉनसून की दुश्वारियां अगले कुछ दिनों तक ऐसी ही जारी रहेंगी क्योंकि मौसम विभाग ने राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा का दौर फिलहाल ऐसे ही जारी रहने की संभावना जताई है।
बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के शाहपुर में सर्वाधिक 264 मिलीमीटर, धर्मशाला में 230, पालमपुर में 210, धर्मशाला में 180, गग्गल में 149, पांवटा साहब में 145, जट्टोबैराज में 135, जोगिंद्रनगर में 134, बैजनाथ में 115, ऊना में 88, सोलन 79, सुजानपुर टिहरा 72, मंडी 66, उदयपुर 60, तीसा 58, कोटखाई 57, नारकंडा 54, डलहौजी 50, रोहडू 49, शिमला 25 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। अन्य स्थानों पर भी व्यापक से भारी वर्षा हुई है।
गिरी नदी में अचानक जलस्तर बढ़ जाने और जट्टोबैराज के फ्लड गेट खोल दिए जाने के चलते बीती रात एक गुज्जर परिवार और मंदिर के दो महंत एक टापू पर फंस गए। नदी का जलस्तर अधिक होने और लगातार वर्षा के चलते ये लोग पूरी रात बांगरन नामक टापू पर फंसे रहे। इस दौरान पांवटा से स्थानीय प्रशासन की टीम डीएसपी और एसडीएम के नेतृत्व में पूरी रात मौके पर जमी रही तथा मोबाइल फोन के माध्यम से टापू स्थल से सभी छह लोगों का हौसला बढ़ाती रही। सुबह नदी का जलस्तर कम होने और सूरज के निकल आने पर आरंभ किए गए राहत व बचाव आप्रेशन के बाद फंसे सभी लोगों को टापू से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
उधर कुल्लू जिला के हमटा पास के लिए ट्रैकिंग पर गए सात लोगों के दल में से एक 30 वर्षीय युवती हमटा डैम के समीप जलौरा वाटर फॉल में गिर जाने से खड्ड में बह गई। कुल्लू के एसपी गुरदेव शर्मा ने इस घटना की पुष्टि की है और कहा है कि लापता युवती को ढूंढने के प्रयास जारी हैं। इस दुर्घटना के शिकार हुई युवती का नाम आशा कटोच बताया गया है। दल के छह अन्य युवक रोहित, फरिश, अनु ठाकुर और दीया ठाकुर सुरक्षित हैं।
उधर कांगड़ा के नगरोटा क्षेत्र के चाहड़ी नाले में आई बाढ़ में आज एक 11 वर्षीय बालिका अचानक पानी बढ़ जाने से बह गई। इस लड़की का शव घटना स्थल से 300 मीटर दूर बरामद कर लिया गया। उधर कुल्लू जिला प्रशासन ने मॉनसून के सक्रिय होते ही जिले में साहसिक गतिविधियों पर 15 सितंबर तक रोक लगा दी है। इनमें रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और ट्रैकिंग गतिविधयां भी शामिल हैं।
उधर लाहौल स्पिति में नदी में बह गए एक शिक्षक का शव आज बरामद कर लिया गया। किन्नौर जिला के लिए आज भी झाखड़ी होकर यातायात बहाल नहीं हो पाया है क्योंकि बरौनी नाला में सड़क का काफी हिस्सा धंस गया है। ऐसे में किन्नौर के लिए वैकल्पिक रास्ता से यातायात चलाया जा रहा है।
इस बीच हिमाचल में बरसात से पैदा हुई दुश्वारियां अभी कुछ और दिन बदस्तूर जारी रहेंगी। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमानों में आज राज्य के मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने 14 से 16 जुलाई तक राज्य के मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले अलग-अलग स्थानों भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने 17 जुलाई को राज्य के मध्यम ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा होने का आरेंज अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी जिला प्रशासनों को किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने और राहत व बचाव कार्यों के लिए जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम को चौबीसों घंटे चलाने के निर्देश दिए।