भूस्खलन की वजह जांचने के लिए सर्वेक्षण करवाएगी हिमाचल प्रदेश सरकार

किन्नौर में पहाड़ दरकने का मामला

शिमला, 23 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में पहाड़ दरकने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पहाड़ दरकने के बढ़ रहे इन मामलों ने प्रदेश सरकार खासकर स्थानीय प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ऐसे में अब पहाड़ दरकने के इन मामलों का सर्वेक्षण करवाने का किन्नौर जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है ताकि इन घटनाओं की असल वजह तक पहुंचा जा सके और इन्हें रोकने के उपाय किए जा सकें।

जानकारी के मुताबिक किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने भारतीय भूगर्भ विज्ञान संस्थान को लिखे पत्र में किन्नौर जिला में पहाड़ दरकने के मामलों की जांच के लिए एक टीम भेजने का आग्रह किया है। उपायुक्त ने पत्र में किन्नौर जिला में हाल ही में हुई पहाड़ दरकने की घटनाओं का विस्तृत जिक्र किया है और इन घटनाओं में हुई जान तथा माल की हानि का ब्यौरा भी दिया गया है। गौरतलब है कि किन्नौर जिला में हाल ही में पहले बटसेरी में पहाड़ से चट्टानें गिरने के कारण हुए हादसे में 9 पर्यटकों की जान चली गई थी जबकि अब 12 अगस्त को निगुलसरी में पहाड़ से चट्टानें गिरने की घटना में अब तक 28 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इस घटना में अभी भी दो लोग लापता हैं जिनके शवों की खोज जारी है।

उपायुक्त द्वारा भारतीय भूगर्भ विज्ञान संस्थान को लिखे गए पत्र में कह गया है कि जिले में पहाड़ दरकने की ये घटनाएं असामान्य हैं। ऐसे में इनका अध्ययन करना जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की अनहोनी को रोका जा सके। ऐसे में इन घटनाओं का सर्वेक्षण करने और भविष्य के लिए उपाय सुझाने जरूरी हैं। इसलिए सर्वेक्षण के लिए टीम भेजी जाए ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाया जा सके। किन्नौर जिला में हाल ही में पहाड़ दरकने की दूसरी बड़ी घटना निगुलसरी में हुई है जिसके बाद प्रदेश सरकार पहाड़ दरकने की इन घटनाओं के मामले में संजीदा हुई है। बटसरी घटना को लेकर भूगर्भ विज्ञान की एक टीम किन्नौर का दौरा भी कर चुकी है जबकि निगुलसरी घटना में भी विशेषज्ञों ने मौके का दौरा किया। निगुलसरी में अभी भी भूस्खलन का खतरा लगातार बना हुआ है क्योंकि पहाड़ में दरार है और ये कभी भी किसी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकती है। इसके चलते किन्नौर में खासकर निगुलसरी में हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग पर रात के समय वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है।