एनीमिया से बचाव के लिए भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां करें शामिल

एनीमिया से बचाव के लिए भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां करें शामिल

शिमला, 1 जुलाई। एनीमिया एक ऐसा रोग है जिसमें खून में उपस्थित लाल रक्त कणों में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिसके कारण फेफड़ों से शरीर के अन्य अंगों तक प्राणवायु व ऑक्सीजन ले जाने में कमी आ जाती है। बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रकाश चंद्र दरोच ने कहा है कि ज्यादातर आयरन की कमी से हिमोग्लोबिन कम हो जाता है। जिन लोगों के भोजन में पौष्टिक तत्वों लौह या आयरन, विटामिन लवणों तथा प्रोटीन की कमी होती है, पेट के कीड़े, मलेरिया तथा क्षय रोग से शरीर में खून कम बनता है।

उन्होंने कहा कि खूनी बवासीर, आंतों का कैंसर व आंतों में अल्सर, महिलाओं में अधिक माहवारी आना, दुर्घटना आदि में चोट लगने पर खून बहने के कारण व्यक्ति एनीमिक हो जाता है। उन्होंने बताया कि खून की कमी सबसे अधिक 4 माह से 6 वर्ष के बच्चे 11 वर्ष से 18 वर्ष की किशोरियां और गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली माताएं अधिक प्रभावित होती हैं।

उन्होंने बताया कि बच्चों में खून की कमी होने पर उनका वजन व लंबाई नहीं बढ़ती, बच्चा पढ़ाई में कमजोर होता है तथा उसे संक्रामक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार बच्चे की मृत्यु हो जाती है।

उन्होंने बताया कि त्वचा का सफेद दिखना, जीभ, नाखुनों व पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी तथा बहुत अधिक थकावट, चक्कर आना विशेषकर लेटकर व बैठकर उठने में, बेहोश होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना तथा चेहरे व पैरों पर सूजन दिखाई देना अनीमिया के लक्षण है।