हिमाचल सरकार करे बागवानों के हितों की रक्षा

सेब के गिरते दामों के मद्देनजर तुरंत हस्तक्षेप करे सरकार : टिकैत

शिमला, 28 अगस्त। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हिमाचल सरकार को बागवानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बागवानों के हितों के कानून को लागू करते हुए कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाना चाहिए। शिमला में आज पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि यदि सरकार ने ऐसा न किया तो भारतीय किसान यूनियन आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल की ठंडी फिजाओं को गर्म करना होगा और यहां पर भी क्रांति लानी होगी।

टिकैत ने हिमाचल के सेब की फसल का दाम गिरने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बागवानों को राहत देते हुए सरकार को सेब की ढुलाई पर ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देनी चाहिए। इससे बागवानों को कुछ राहत अवश्य मिलेगी और सेब की खरीद के लिए एमएसपी तय होना चाहिए।

टिकैत ने कहा कि हिमाचल के बागवान शांतिप्रिय हैं और उन्हें आंदोलन को क्यों मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे यहां के किसान-बागवान नेताओं से बात कर करेंगे और आंदोलन का लाइन आफ एक्शन तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल के बागवानों के लिए जो दाम 10 वर्ष पहले 2011 में था, आज भी वही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या 10 वर्ष में महंगाई नहीं बढ़ी और क्या इस दौरान डीजल-पेट्रोल और खादों व दवाओं के दाम नहीं बढ़े। उन्होंने कहा कि यदि ये कृषि विधेयक लागू हो गए तो आने वाले दिनों में स्थिति और बदतर होगी। क्योंकि पिर कांट्रेक्ट फार्मिंग और कर्ज के बोझ तले दबाकर किसानों और बागवानों की जमीनों पर बड़ी कंपनियों का कब्जा होगा और उनका आंदोलन इसके खिलाफ है।