लाहौल की समृद्ध संस्कृति से प्रभावित हुए राज्यपाल आर्लेकर

शिमला, 27 अगस्त। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति, परम्पराएं और रीति-रिवाज़ समृद्ध हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि यहां के लोगों ने अपनी इस पहचान को कायम रखा है। उन्होंने कहा कि वह यहां कि संस्कृति से प्रभावित हुए हैं।  राज्यपाल आज लाहौल-स्पीति के काजा में उनके सम्मान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें लगा कि हिमाचल सही मायनों में सुदूर क्षेत्रों में बसता है। वह कोशिश करेंगे कि राज्य के हर जिले का दौरा कर लोगों से मिलें। उन्होंने कहा कि यहां उनसे मिले लाहौलवासियों ने भी अपनी कुछ समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया है और वह उन्हें दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। दुनिया को आकर्षित करते पहाड़ और बौद्ध संस्कृति और स्वच्छ वातावरण सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां नियोजित पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से रोजगार भी बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी।

 राज्यपाल ने इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य का आनंद लिया। लेडी गवर्नर श्रीमती अनघा आर्लेकर भी उपस्थित थीं।

राज्यपाल ने लांगचा, कौमिक और हिक्किम गांवों का भी दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। उन्होंने लांगचा में छेरिंग डोलमा और गटूक छोडन को गृहिणी सुविधा के तहत गैस कनैक्शन व चूल्हा विरित किया।