शिमला, 7 अक्तूबर। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि तीव्र इच्छाशक्ति से हम योग को खेलों में परिवर्तित कर सकते हैं जिसका व्यापक लाभ लिया जा सकता है। राज्यपाल आज राजभवन में हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ द्वारा आयोजित प्रथम राज्य स्तरीय योगासन खेल प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित कर रहे थे। उन्होंने लड़कों और लड़कियों के कुल 6 वर्गों के 18 विजेताओं को पदक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि योग हमारी सदियों से चली आ रही परम्परा है और जीवनशैली का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को और मानव कल्याण के लिए कुछ न कुछ दिया है। हमारी सोच कभी भी दूसरों पर आक्रमण करने की नहीं रही है। हमारी संस्कृति दूसरों के हृदय को जीतने की रही है। पूरे विश्व को हम कुछ दे सकें यही हमारी विशेषता है। योग भी हमारी इसी विशेषता का एक हिस्सा है, जो हमने दुनिया को दिया है।
इसमें सब जूनियर छात्राओं के वर्ग में श्रद्धा ने कांस्य पदक, निधि डोगरा ने रजत पदक व दिशा डोगरा ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। सब जूनियर छात्र वर्ग में संदीप ने काँस्या, अभिषेक ने रजत व विश्वजीत ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। जूनियर छात्राओं के वर्ग में श्रुति त्रेहन ने कांस्य, नितिका ने रजत व पूरबा भाटी ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। जूनियर छात्र वर्ग में हर्ष वर्धन ने काँस्या, पियूष मेहता ने रजत व हितेश कुमार ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
सीनियर छात्राओं के वर्ग में कमलेश कुमारी ने काँस्या, कौशल्या देवी ने रजत व भारती ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। सीनियर छात्र वर्ग में दीक्षित ने काँस्या, अमित ठाकुर ने रजत व निकेतन पुंडीर ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
इसके अतिरिक्त, इस ऑनलाइन योगासन खेल प्रतियोगिता में तकनीकी रूप से प्रतियोगिता का संचालन करने वाली टीम के सदस्यों-शुभम शर्मा, अनुपमा चंदेल, गोपाल अत्रि, ईशान चौहान, नवीन कुमार, विवेक सूद, हेत राम व रणजीत सिंह को भी राज्यपाल ने प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय योगासन खेल प्रतियोगिता में हिमाचल से जज के रूप में भाग लेने वाले इं. पंकज डढ़वाल व नवीन कुमार को भी राज्यपाल ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ के अध्यक्ष एवं विख्यात योग गुरु प्रो. जी.डी शर्मा ने कहा कि देवभूमि हिमाचल में योग और योगासन खेल का भविष्य उज्ज्वल है।