शिमला, 5 अगस्त। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने इस वर्ष 13039.80 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 417 फीसदी अधिक है। पिछले वर्ष 3128.50 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग ने आज विधानसभा में राजेश ठाकुर और कर्नल इंद्र सिंह के संयुक्त सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
राजेंद्र गर्ग ने कहा कि एफसीआई ने 2019-20 से गेहूं खरीद का कार्य शुरू किया और पांवटा साहिब में ही इसके माध्यम से खरीद हुई। उस वर्ष वहां पर 878.75 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। वर्ष 2020-21 चार स्थानों पांवटा साहिब, काला अंब, हरोली और टकराला में एफसीआई ने खरीद केंद्र खोले और इनके जरिए कुल 3128.50 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा। उन्होंने कहा कि इस बार किसानों की मांग पर एफसीआई ने आठ स्थानों पर गेहूं खरीदा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तय एमएसपी पर गेहूं खरीदा गया। उन्होंने कहा कि इस बार पांवटा साहिब में 3557 मीट्रिक टन, कालाअंब में 48.5 मीट्रिक टन, नालागढ़ में 1625, टकराला में 1723, हरोली में 2548, फतेहपुर में 1481, ठाकुरद्वारा में 1993.75 और घुमारवीं में 62.10 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। इस प्रकार कुल 13039.80 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई।
गर्ग ने कहा कि किसानों की आय डबल हो, इसे देखते हुए ये खरीद केंद्र बढ़ाए गए। जहां तक टकराला में कुछ किसानों के अपना गेहूं न बेच पाने की बात है, इसके लिए उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में सभी किसानों से गेहूं की खरीद की जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सभी किसानों का गेहूं न खरीदे जाने का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि कितना गेहूं एफसीआई की खरीद से बाहर रहा। इस पर राजेंद्र गर्ग ने कहा कि गेहूं की खरीद के लिए प्रचार भी किया गया था और फिर भी कई लोग समय पर गेहूं बेचने नहीं आए थे। इस कारण एक-दो स्थानों पर किसान गेहूं बेचने से वंचित रहे।