हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि डॉक्टर अपने देश के गांव में ही लोगों की सेवा करने के लिए आगे आएं, उन्हें अमेरिका के गांव में जाकर सेवा करने की जरूरत नहीं हैं। नर सेवा ही ईश्वर सेवा है। राज्यपाल शुक्रवार को IGMC के सर्जिकल डिपार्टमेंट की ओर से आयोजित तीन दिवसीस सेमिनार के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
राज्यपाल बोले, पुराने और आधुनिक ज्ञान को समझना होगा
राज्यपाल ने कहा कि पुराने और आधुनिक ज्ञान को समझने की जरूरत है। हमारे देश के डॉक्टर अब इस बात को समझ रहे हैं। हमारे डॉक्टरों के लिए समझना जरूरी हो गया है कि एक आम आदमी को इलाज के दौरान क्या चाहिए होता है। उसे इलाज से ज्यादा डॉक्टरों का मोटिवेशन जरूरी है।उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों को अपने सेवाकाल के दौरान मरीजों के लिए 100 फीसदी काम करना चाहिए।
200 डॉक्टर ले रहे हैं सेमिनार में भाग
IGMC के सर्जिकल डिपार्टमेंट और एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोसर्जियन के संयुक्त तत्वावधान में इंडियन फैलोशिप इन गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी सर्जरी मिनिमल इन्वेजिज विषय पर यह सेमिनार हो रहा है। इसमें लगभग 200 डाॅक्टर भाग ले रहे हैं।
अलग अलग विषयों पर हो रही चर्चा
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में शल्य चिकित्सा से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा व रिसर्च पेपर प्रस्तुत होंगे। इसके अलावा लेप्रोस्कोपिक कौशल को निखारने और मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की नई चुनौतियों से निपटने पर भी चर्चा होगी। 20 नवंबर को लाइव वर्कशॉप का आयोजन भी किया जाएगा।
लेप्रोस्कोपी सर्जरी जरूरी, इस पर हो रही ट्रेनिंग
IGMC सर्जरी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. आरएस जोबटा ने कहा कि लेप्रोस्कोपी की सर्जरी अब जरूरी है। तीन दिन तक डॉक्टरों की ट्रेनिंग हो रही है। इस तीन दिवसीय कोर्स के दौरान सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान हर तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सर्जरी को हम प्रदेश के जोनल अस्पतालों में भी शुरू करेंगे।