शिमला, 27 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी आफत बनने लगी है। राज्य के कुल्लू जिला की पार्वती घाटी के तोष कस्बे के जीरा नाला का बहाब हिमस्खलन के कारण रुक गया है। इस भूस्खलन ने जीरा नाला का बहाब रोक दिया है और नाले पर एक बड़ी प्राकृतिक झील बन गई है। इस कारण जहां पूरा तोश कस्बा खतरे में है और सहमा हुआ है वहीं पार्वती नदी के किनारे तोश से भुंतर तक रहने वाले लोग भी डरे हुए हैं। जिला प्रशासन भी हिमस्खलन के कारण बनी झील के चलते संभावित खतरे को देखते हुए सक्रिय हो गया है और लोगों को खासकर पार्वती नदी से दूर रहने को कहा गया है। हिमस्खलन के कारण बनी प्राकृतिक झील के टूटने की स्थिति में जहां तोश कस्बे को नुकसान की आशंका है वहीं पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ना भी तय है। खतरे को भांपते हुए कुल्लू जिला प्रशासन सक्रिय है और कल्लू के एसडीएम विकास शुक्ला ने तोश इलाके का मौके पर जाकर जायजा लिया। हालांकि जिला प्रशासन की टीम उस स्थान तक नहीं पहुंच पाई है जहां हिमस्खलन के कारण प्राकृतिक झील बन गई है क्योंकि यह स्थान अति दुर्गम है और अत्यधिक खड़ी चढ़ाई पर है। हाईडल विशेषज्ञों के अनुसार जीरा नाला में हर सेकंड में 200 लीटर पानी इन दिनों बह रहा है ऐसे में वीरवार दोपहर बाद 4 बजे तक भूस्खलन के कारण बनी प्राकृतिक झील में एक करोड़ लीटर पानी जमा हो गया है। स्थानीय प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार झील से पानी ओवरफ्लो होना भी अब आरंभ हो गया है। इस बीच कुल्लू जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और पार्वती नदी से दूर रहने को कहा है। जिला प्रशासन ने इस प्राकृतिक झील के टूटने की स्थिति में इसकी जद में आने वाले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरू कर दिया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला ने कहा कि जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं और इससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से सहयोग की भी अपील की है।