शिमला, 10 अक्तूबर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शिमला स्थित हिमाचल मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने स्कूल स्तर से परामर्शदाता की सेवाओं की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों का इलाज सबके सहयोग और सकारात्मक भाव से संभव है।
आर्लेकर ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के आयोजन सम्बन्धी भावना समझने और उसके अनुरूप कार्य करने की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि मानसिक दुर्बलता उस व्यक्ति की नहीं होती है, जो पीड़ित है बल्कि उस समाज की होती है, जो ऐसी परिस्थिति पैदा करता है। उन्होंने कहा कि वह गोवा राज्य में मानसिक रोगियों के उपचार के लिये अस्पताल चला रहे हैं, इसलिए वह इस परिस्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
उन्होंने कहा कि समाज में आ रही विकृतियों के कई कारण हो सकते हैं, उन पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस परिवार पर यह मुश्किल आती है, उनके लिये कितना कठिन होता है, इस पर चिंतन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर बच्चों को परामर्श सेवाएं मिलनी चाहिए क्योंकि यदि ठीक समय पर परामर्श सेवाएं नहीं मिली तो बच्चा डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान एक दिन का नहीं है, इसके लिए निरंतर प्रयास करने और एकजुट प्रयास करने की जरूरत है।