शिमला. कोरोना को लेकर भाजपा के बंजार के विधायक और कुल्लू जिला प्रशासन की भारी लापरवाही से सरकार मुश्किल में आ गई है। बंजार के विधायक कोरोना पॉजेटिव आने के बाद भी अटल टनल के उद्घाटन के कार्यक्रम में घूमते रहे और मुख्यमंत्री और वन मंत्री के संपर्क में भी आए। सवाल यह उठता है कि जब विधायक कोरोना पॉजेटिव हो गए थे वह कोविड सेंटर में क्यों नहीं गए या आइसोलेट क्यों नहीं हुए। सवाल यह भी है कि जब विधायक की रिपोर्ट कोरोना पॉजेटिव थी तो जिला प्रशासन ने उन्हें आइसोलेट क्यों नहीं किया। जबकि विधायक प्रशासनिक अधिकारियों की नजरों के सामने ही मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रियों और विधायकों के साथ घूमते रहे। 3 अक्टूबर को अटल टनल का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आए थे। कोरोना पॉजेटिव विधायक के संपर्क में आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के साथ भी संपर्क में आए थे। इससे अब संकट और भी गहरा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्वयं को तीन दिन के लिए क्वारंटाइन कर लिया है वहीं मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव के भी कोरोना पॉजेटिव आने की सूचना है। जिससे सरकार कोरोना संक्रमण को लेकर घिरी गई है। इस मामले को लेकर कांग्रेस भी हमलावर हो गई है और कोरोना पॉजेटिव होने की सूचना छिपाने को लेकर विधायक के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग कर रही है तो सरकार इस मामले में चुप है। मीडिया में खबरें छपने के बाद भी सरकार सीधे तौर पर कुछ नहीं कह रही है। जिससे लगता है कि आरोपों से घिरी सरकार अब निशब्द है। वहीं वन मंत्री राकेश पठानिया भी बंजार के विधायक के संपर्क में आए थे। पठानिया को विधायक के कोरोना पॉजेटिव आने के सूचना मिलने पर वह भी क्वारंटाइन हो गए हैं।
मुख्यमंत्री और वन मंत्री के क्वारंटाइन होने के बाद सरकार का एक बड़ा प्रशासनिक अमला भी क्वारंटाइन हो गया है। क्योंकि कार्यक्रम के दौरान बहुत से अधिकारी और कर्मचारी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के संपर्क में आए थे। इसके कारण् एहतियात के तौर पर अधिकारी और कर्मचारी भी क्वारंटाइन हो गए हैं।
अब सरकार पर सवाल उठना लाजमी है कि आखिर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के कार्यक्रम में इतनी बड़ी लापरवाही क्यों हो गई। यह सूचना प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को भी देनी चाहिए कि वह भी कोरोना संक्रमित विधायक के संपर्क में आने वाले मुख्यमंत्री और वन मंत्री के संपर्क में आए हैं। जिससे वहां भी एहतियाती कदम उठाए जा सकें।
कोरोना संक्रमण रोकने के सरकारी दाबों के बीच सरकार और भाजपा नेताओं पर कोरोना फैलाने का आरोप कांग्रेसी नेता शुरु से ही लगाते रहे हैं। इससे पहले भी भाजपा नेताओं के माध्यम से कोरोना फैलने के कई मामले शिमला, मंडी, रोहडू, सिरमौर में सामने आए थे जब सरकार आरोपों से घिरी रही है।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि आखिर विधायक के कोरोना संक्रमित होने की बात क्यों छिपाई गई और इतनी बड़ी लापरवाही करने वाले विधायक पर केस दर्ज करने की भी मांग की है।