हिमाचल विधानसभा से विपक्ष का वॉकआउट
मुख्य सचिव को सत्र के बीच बदलने के विरोध में किया वॉकआउट
शिमला, 5 अगस्त। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज विपक्षी दल कांग्रेस ने फिर से वाकआउट किया। विपक्ष ने यह वाकआउट प्रदेश सरकार द्वारा मॉनसून सत्र के बीच ही राज्य के मुख्य सचिव को हटाने और उनके स्थान पर नया मुख्य सचिव लगाने के मुद्दे पर किया। कांग्रेस का तीन दिन में यह तीसरा वाकआउट था।
विधानसभा में प्रश्नकाल समाप्त होते ही नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान ही मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची को हटाए जाने का मुद्दा उठाया और इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि सत्र के बीच में ही मुख्य सचिव को बदलना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि अनिल खाची के अभी सेवा के दो साल बचे हैं, ऐसे में उन्हें हटाने की सरकार को क्या मजबूरी आ गई। उन्होंने यह भी कहा कि अनिल खाची को मुख्य सचिव के पद से हटाकर सरकार ने प्रदेश के अफसरों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर सरकार सत्ता में आने के बाद अब तक 6 मुख्य सचिव बदल चुकी है। उन्होंने अनिल खाची को हटाए जाने के लिए बीते दिनों मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के साथ हुई तकरार को भी जिम्मेदार ठहराया।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने को परंपराओं के खिलाफ बताया और कहा कि सरकार ने किस अफसर को कहां तैनात करना है, यह उनका विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि अफसरों की तैनाती पर विपक्ष का विधानसभा में विरोध करना अच्छी परंपरा नहीं है और विपक्ष को इस विषय को सनसनीखेज बनाने से बचना चाहिए। इस दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ और दोनों पक्षों की ओर से सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते रहे और बाद में पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया।
भाजपा के राजीव बिंदल ने भी इस दौरान मुख्य सचिव की तैनाती के मुद्दे पर विपक्ष के रवैये का विरोध किया।
विपक्ष तय नहीं करेगा सरकार के काम : जयराम ठाकुर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुख्य सचिव की तैनाती के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा सदन में किए गए हंगामे और वाकआउट की निंदा करते हुए कहा कि विपक्ष सरकार के कामकाज तय नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी है और किस अफसर से क्या काम लेना है, यह भी हम ही तय करेंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्य सचिव की तैनाती में किसी से कोई भेदभाव नहीं हुआ है और इस तैनाती से पहले मुख्य सचिव से बात की गई है और जो सरकार ने किया है उसमें अनिल खाची का ही भला है। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक संवैधानिक पद खाली था और हमने उसे भरने का निर्णय लिया है और इस पद पर अनिल खाची पांच साल तक तैनात रहेंगे, जबकि उनकी सेवा के अब सिर्फ पौने दो वर्ष ही बचे थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने वरिष्ठता को सम्मान दिया है। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि वह पीछे मुड़कर भी देखें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में वरिष्ठता में छठे नंबर के अधिकारी को मुख्य सचिव बनाने की परंपरा रही है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को हिमाचली और बाहरी राज्यों के अफसरों के बीच लाइन न खींचने की भी सलाह दी और कहा कि हम सब भारत के रहने वाले हैं।