मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना को जल्द कानून बनाएगी हिमाचल सरकार

शिमला, 5 अगस्त। हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना को जल्द ही कानून बनाएगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज विधानसभा में कहा कि सरकार इस योजना को कानूनी रूप देने पर विचार कर रही है और जैसे ही इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी होंगी, इस योजना को विधेयक के माध्यम से विधानसभा में लाकर विपक्ष की सहमति से ही कानून बनाया जाएगा। भारद्वाज कांग्रेस के आशीष बुटेल द्वारा गैर सरकारी सदस्य दिवस के तहत ‘मनरेगा की तर्ज पर मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना को कानूनी अधिनियम का रूप देने संबंधी’ संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए सरकार शीघ्र फंड का सृजन करेगी। शहरी विकास मंत्री के जवाब संतुष्ट आशीष बुटेल ने अपना संकल्प वापस ले लिया।

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों के गरीबों को रोजगार देना और उनका पलायन रोकना था। उन्होंने कहा कि यह योजना अपने उद्देश्य में अत्यधिक सफल रही है। आरंभ में इस योजना के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं किया गया था, लेकिन इसकी सफलता को देखते हुए वर्ष 2021-22 के बजट में इसके लिए 4 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से शहरी क्षेत्रों में न केवल रोजगार मिला, बल्कि लोगों का पलायन भी रुका। इस योजना के तहत शहरी गरीबों को 120 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। यही नहीं, इस योजना के तहत काम मांगने वाले मजदूरों के कौशल विकास का भी प्रावधान किया गया है।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पिछले साल इस योजना के तहत पांच हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण करवाया और इस साल अप्रैल से अभी तक ही पांच हजार से अधिक लोग पंजीकरण करवा चुके हैं।

इससे पूर्व कांग्रेस सदस्य आशीष बुटेल ने गैर सरकारी सदस्य दिवस पर सदन में मनरेगा की तर्ज पर मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना को कानूनी दर्जा देने का संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा से ग्रामीण इलाकों में लोगों को घर बैठे रोजगार मिला और इसमें महिलाओं को सबसे ज्यादा लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि मनरेगा में सौ दिन का रोजगार केंद्र देता है और 20 दिन का रोजगार राज्य सरकार देती है।

बुटेल ने कहा कि कोविड काल में सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना लाई। इस योजना का मकसद भी कोविड में बाहर से आए शहरी लोगों को रोजगार देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इसमें शहरी लोगों को गारंटीड रोजगार मिले, इसके लिए इसे भी मनरेगा की तरह कानूनी दर्जा दिया जाए।

भाजपा सदस्य डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि मनरेगा योजना अच्छी है और इसका लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना लाकर नवीन प्रयोग किया है। इस योजना में कई लोगों ने रोजगार पाया है। उन्होंने इसे कानूनी दर्जा देने का भी आग्रह किया। उन्होंने इस संकल्प का समर्थन किया। अरुण कुमार ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया।