शिमला, 1 सितंबर। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में संयुक्त राष्ट्र ड्रग एंड क्राइम कार्यालय (यूएनओडीसी) की वैश्विक परियोजना जीएलओ स्मार्ट के तहत दो शोध प्रकाशनों–ग्लोबल सिंथेटिक ड्रग्स रिपोर्ट 2020 तथा क्षेत्रीय अवलोकनः एशिया और ओशिनिया 2020 का हिंदी अनुवाद जारी किया। ग्लोबल स्मार्ट कार्यक्रम का उद्देश्य सदस्य राज्यों की क्षमता में सुधार, प्रबंधन, विश्लेषण, रिपोर्ट और अवैध सिंथेटिक दवाओं की जानकारी साझा करना है। कार्यक्रम का दक्षिण एशिया घटक पिछले वर्ष शुरू किया गया था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे से लड़ने में सहायता करने के लिए यूएनओडीसी द्वारा किए गए सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य ने उनकी अध्यक्षता में नशा निवारण बोर्ड का गठन किया है और नई ड्रग पॉलिसी भी तैयार की है, जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशीले पदार्थों की तस्करी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए यूएनओडीसी के सहयोग और भागीदारी की आशा करती है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यूएनओडीसी द्वारा साझा की गई जानकारी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों एवं फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को प्रशिक्षित करने के लिए किए गए प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त समाज का निर्माण करना प्रत्येक नागरिक, विशेषकर युवा पीढ़ी का कर्तव्य है।
इस अवसर पर यूएनओडीसी स्मार्ट कार्यक्रम के वैश्विक प्रमुख, मार्टिन राल्थेलहुबर, वियना से ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए और स्मार्ट कार्यक्रम के विभिन्न घटकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह दोनों प्रकाशन स्मार्ट द्वारा किए गए पहले हिन्दी अनुवाद हैं, जिन्हें हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के आग्रह पर तैयार किया गया है ताकि राज्य में इनकी व्यापक स्तर पर पहुंच सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यूएनओडीसी की ओर से नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में निरंतर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
दक्षिण एशिया के लिए यूएनओडीसी के क्षेत्रीय कार्यालय के कानून प्रवर्तन विशेषज्ञ जयंत मिश्रा ने पिछले एक वर्ष के दौरान कार्यालय द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण दिया।