जरूरत के हिसाब से और पुनः समीक्षा के बाद खोलेंगे बंद संस्थान – सुक्खू
शिमला, 04 जनवरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार डिनोटिफाई किए संस्थानों को जरूरत के हिसाब से और पुनः समीक्षा के आधार पर डिनोटिफाई किए गए संस्थानों को फिर से खोलने पर विचार करेगी। सुक्खू ने बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद कहा कि ऐसे संस्थानों के लिए पहले बजट और स्टाफ का इंतजाम किया जाएगा। इसके बाद जरूरत के हिसाब से इन्हें फिर से खोला जाएगा। सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने अंतिम 9 महीने के कार्यकाल में 900 से अधिक संस्थान खोले। इनमें से 386 स्कूल और 584 अन्य संस्थान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को बिना बजट के खोला गया और इन्हें चलाने के लिए लगभग 5 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार द्वारा अपने अंतिम वर्ष के कार्यकाल में खोले गए संस्थानों पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सवा चार साल के कार्यकाल के बाद ऐसी कौन सी दैवीय शक्तियां आ गई, जिससे उन्होंने एकसाथ 900 से अधिक संस्थान खोल दिए। सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने ऐसे सीएचसी खोल दिए, जहां केवल कंपाउंडर ही तैनात था, जबकि हाई स्कूल केवल चपड़ासी के सहारे खोल दिए। उन्होंने कहा कि वास्तव ने पूर्व सरकार ने ये सभी संस्थान भगवान के सहारे चलाने के लिए खोल दिए। उन्होंने कटाक्ष किया कि 900 से अधिक संस्थान खोलने के बावजूद जनता ने भाजपा को विपक्ष में बिठा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार एक बच्चे को भी शिक्षा से वंचित नहीं रहने देगी और जहां जरूरत होगी, वहां, एक बच्चे के लिए भी स्कूल खुलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने चुनाव से ठीक पहले बिना शिक्षकों के स्कूल खोले। इनमें 130 ऐसे सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं, जहां विज्ञान की कक्षाएं आरंभ कर दी गई, लेकिन शिक्षक है ही नहीं। सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार राज्यपाल के अभिभाषण में पूर्व सरकार द्वारा बिना बजट प्रावधान और बिना स्टाफ के खोले गए संस्थानों का पूरा खुलासा करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में सत्ता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए सरकार में आई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश के 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में कभी भी अंतिम वर्ष में इतने संस्थान नहीं खुले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आम आदमी की सरकार है और जनता के हित में फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सरकार ने केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए चुनावी वर्ष में संस्थान खोले।