शिमला, 13 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा और अर्की, फतेहपुर तथा जुब्बल कोटखाई विधानसभा के लिए 30 अक्तूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन वापिस लेने की समय सीमा खत्म हो जाने के साथ ही अब चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। राज्य चुनाव विभाग के अनुसार नामांकन वापिस लेने की समय सीमा खत्म होने के बाद 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं।
मंडी संसदीय उपचुनाव के लिए 6 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें भाजपा से ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, कांग्रेस से प्रतिभा सिंह, राष्ट्रीय लोकनीति पार्टी से अंबिका श्याम, हिमाचल जन क्रांति पार्टी से मुंशी राम ठाकुर, और अनिल कुमार व सुभाष मोहन स्नेही निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं।
जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्रसे भाजपा के बागी उम्मीदवार चेतन बरागटा ने अपना नाम वापिस नहीं लिया है। ऐसे में यहां अब चौकोना मुकाबला तय हो गया है। यहां नीलम सरेइक भाजपा और रोहित ठाकुर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं जबकि सुमन कदम निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।
अर्की विधानसभा क्षेत्र में तिकोना मुकाबला होगा। यहां भाजपा की ओर से रत्न पाल सिंह और कांग्रेस की ओर से संजय अवस्थी चुनाव मैदान में हैं जबकि जीतराम निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। इनमें बलदेव ठाकुर भाजपा, से जबकि भवानी सिंह पठानिया कांग्रेस उम्मीदवार हैं। पंकज कुमार दार्शी हिमाचल जनक्रांति पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं डॉ. राजन सुशांत और डॉ. अशोक कुमार निर्दलीय उम्मीदवार हैं। 30 अक्तूबर को इन सभी सीटों के लिए उपचुनाव होगा और 2 नवंबर को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
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चेतन पर गाज गिरना तय
जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के बागी उम्मीदवार चेतन बरागटा के भाजपा नेताओं के सभी प्रयासों के बावजूद चुनाव मैदान से न हटने के चलते अब उन पर गाज गिरना तय हो गया है। चेतन बरागटा जुब्बल कोटखाई से भाजपा के विधायक व प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक रहे स्व. नरेंद्र बरागटा के पुत्र हैं। बरागटा के असामयिक निधन के बाद चेतन को भाजपा नेताओं जिनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शामिल हैं ने तीन महीने तक इसी चुनाव क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों में अपने साथ भाजपा उम्मीदवार के रूप में प्रचारित किया लेकिन सीट आबंटन के समय उनका टिकट काट दिया गया। इससे गुस्साए चेतन बरागटा अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं और अपनी ही पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवार नीलम सरैइक को चुनौती दे रहे हैं।