भूस्खलन ने रोका चिनाब का रास्ता

नदी का परवाह फिर से शुरू होने से टला बड़ा संकट

लगभग एक दर्जन घर क्षतिग्रस्त, खेती योग्य जमीन भी बही

शिमला, 13 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के नालदा में आज हुए एक बड़े भूस्खलन ने चिनाब नदी का रास्ता रोक दिया। यह भूस्खलन आज सुबह 9.20 बजे हुआ। भूस्खलन के कारण चिनाब नदी पर कृत्रिम झील बन गई, जिस कारण ताडंग गांव के सात घर और चार गऊ शालाएं पानी में डूब गई। इन घर व गऊशालाओं को आंशिक नुकसान हुआ है।

जानकारी के मुताबिक लगभग दो घंटे के बाद चिनाब का पानी भूस्खलन के कारण बांध के ऊपर से बहना आरंभ हो गया और थोड़ी ही देर में भूस्खलन के बनी झील की मिट्टी भी पानी के बहाव में बहने लगी। इससे चिनाब के निचले क्षेत्र के गांवों जसरथ, नालदा, ताडंग, चूडा व तलजोन में जमीनों और फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर नदी के किनारे स्थानीय लोगों द्वारा एकत्र किया गया पशु चारा भी पानी के तेज बहाव में बह गया। हालांकि नदी का बहाव फिर से शुरू होने से बड़ा खतरा टल गया है और नदी पर बनी कृत्रिम झील भी 50 फीसदी से अधिक कम हो गई है। इसके जलस्तर में लगातार कमी आ रही है। हालांकि नदी के निचले क्षेत्रों में पानी का स्तर बढ़ गया है। ऐसे में प्रशासन ने नदी के किनारे पड़ने वाले एक दर्जन से अधिक गांवों को सावधानी के तौर पर खाली करवा लिया है।

जनजातीय विकास मंत्री व लाहौल-स्पीति के विधायक डॉ. राम लाल मारकंडा ने दैनिक ट्रिब्यून को बताया कि कृत्रिम झील से पानी अपनेआप निकलना आरंभ हो गया है। हालांकि घटना स्थल पर अभी भी रुक-रुक कर भूस्खलन हो रहा है। इसे देखते हुए एनडीआरआफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की राहत व बचाव टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है और हैलीकाप्टर से भी पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।

इस बीच, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज विधानसभा में कहा कि चिनाब का बहाव रुकने की घटना के तुरंत बाद सरकार ने जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकंडा, मुख्य सचिव और डीजीपी की तीन सदस्यीय टीम को मौके पर स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा है। यह टीम लाहौल-स्पीति में ही रहकर स्थिति पर नजर रख रही है और सावधानी के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की। अमित शाह ने प्रदेश को इस आपदा से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।