मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए

हिमाचल की 13वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज धर्मशाला में शुरू
जनरल रावत, बाली और अन्य को सदन ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

धर्मशाला, 10 दिसम्बर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र आज धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन विधानसभा ने अपने तीन पूर्व विधायकों जी एस बाली, बोध राज और डॉक्टर शिव कुमार तथा देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत और हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए अन्य सैन्य अधकारियों और सैन्य कर्मियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सदन में शोक प्रस्ताव पेश किया और सभी दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधराज का बागवानी क्षेत्र के लिये काफी योगदान रहा।
उन्होंने कहा कि जीएस बाली का प्रदेश के विकास में अहम योगदान रहा और बाली एक अलग तरह के व्यक्तित्व थे। बाली के साथ अपने अनुभव को सांझा करते हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि 1998 में मेरे साथ ही उनका विधानसभा में प्रदार्पण हुआ था। उस वक़्त सरकार बनाने के लिये महज़ एक सदस्य की जरूरत थी और उस वक़्त में उन्होंने कांग्रेस के लिए अपनी अहम भूमिका निभाई थी। उनका उत्साह और जोश जनून उन्हें हमेशा सुर्खियों में रखता था।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बाली ने अपने कार्यकाल में ऐसे भी काम किये जिससे वह विवादों का भी शिकार हुये। वह हमेशा सभी को मेलजोल का पाठ पढ़ाया करते थे। हालांकि वो बेहद बीमार थे बावजूद इसके भी वो सभी का हालचाल पूछा करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाली बहुत जिंदादिल इंसान थे। जय राम ठाकुर ने जनरल विपिन रावत के आसामयिक दुखद निधन को देश को बहुत बड़ी क्षति करार दिया। उन्होंने इस समाचार को अत्यंत विचलित करने वाला बताया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जनरल विपिन रावत के निधन को देश के लिए दुख की सबसे बड़ी घड़ी करार दिया। उन्होंने ने जनरल रावत की सुरक्षा तैनात विवेक कुमार के आसामयिक निधन पर भी दुख जताया। मुकेश ने अपने शोकोदगारमें जी एस बाली को दोस्तों का दोस्त करार दिया और कहा कि उनकी नाराजगी क्षण भर की होती थी।
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन मंत्री राकेश पठानिया राम लाल ठाकुर, आशीष बुटेल, राकेश सिंघा, रवि धीमान, कर्नल धनीराम शांडिल और अन्य ने भी शोकोदगार के माध्यम से दिवंगत आत्मओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन ने इन दिवंगत आत्माओं के सम्मान में कुछ देर का मौन भी रखा।