शिमला, 3 जुलाई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में भारतीय मजदूर संघ के 18वें राज्य स्तरीय वार्षिक अधिवेशन के दो दिवसीय सत्र के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिक वर्ग के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए कई योजनाएं आरम्भ की हैं तथा उनकी सभी जायज मांगों का समय-समय पर समाधान सुनिश्चित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 जुलाई 1955 को अपनी स्थापना के बाद से भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने श्रमिकों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि बीएमएस ने हमेशा कांग्रेस और वामपंथी सरकारों की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भारतीय मजूदर संघ से मजदूरों की 326 यूनियनें जुड़ी हुई हैं, जो संघ की एकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मजूदर संघ के सदस्यों ने समय-समय श्रमिकों के खिलाफ होने वाले शोषण के विरूद्ध आवाज उठाई है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने हजारों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को लाभान्वित करते हुए अप्रैल, 2021 से उनके दैनिक वेतन को 275 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया है। पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने दिहाड़ीदार मजदूरों और आउटसोर्स कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में प्रति माह 2700 रुपये की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपये और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व आंगनवाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में 300-300 रुपये प्रति माह की वृद्धि करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ तथाकथित मजदूर हितैषी संगठन बड़े-बड़े दावे कर और स्वयं को मजदूरों का हितैषी बताकर मजदूरों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर उनके कल्याण के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोविड महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों को राहत प्रदान करना सुनिश्चित कर रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय मजूदर संघ की सभी जायज मांगों पर राज्य सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।