नाहन 28 नवम्बर :-प्रदेश की भाजपा सरकार के दौरान सरकारी राशन की ढुलाई में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरटीआई एक्टिविस्ट रितेश गोयल के द्वारा ली गई आरटीआई में अग्रवाल फ्लोर मिल कालाअंब के घोटाले का बड़ा सबूत मिला है। आरटीआई से मिली जानकारी में रितेश गोयल ने बताया कि अग्रवाल फ्लोर मिल कालाअंब में है। इस फ्लोर मिल के द्वारा बीते दिनांक 11 जून 2020 को कालाअंब मिल से हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई के गोदाम पांवटा साहिब के लिए सरकारी आटा भेजा गया था। यह आटा गाड़ी संख्या (एचपी 71-8205) जिसका जीआर नंबर 12139 था। जबकि दूसरा बिल 286 नंबर जिसका जीआर नंबर 12140 में क्विंटल आटा ले जाना दर्शाया गया है। इस आटे की रिसीविंग सिविल सप्लाई गोदाम पांवटा साहिब में 12 जून 2020 को दिखाई गई है। वही चौंकाने वाली बात सामने यह आई कि इसी ट्रक संख्या (एचपी 71 8205) में मंगला गुड्स कैरियर नाहन के द्वारा 11 जून 2020 को यानी सेम डेट पर चावल की लोडिंग और 12 जून 2020 को पांवटा साहिब सिविल सप्लाई के गोदाम में चावल की रिसीविंग दिखाई गई है। यानी आटा और चावल दोनों का वजन अगर आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार निकाला जाए तो 27 टन बनता है। जबकि मालवाहक ट्रक जिसका नंबर दिखाया गया है वह केवल 10 टन ही ले जा सकता है। इससे साफ जाहिर होता है कि चावल तो ले जाया गया मगर आटा लाना ले जाना और बिल कुछ फर्जी है। हैरानी तो इस बात की है कि इस बिल का अधिकारियों की मिलीभगत के साथ भुगतान भी हो चुका है। इस तरह के एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों मामले हैं। जिससे साफ जाहिर होता है यह घोटाला करोड़ों में जाता है। बड़ा सवाल तो यह भी उठता है कि यह बिना किसी भी सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी की मिलीभगत के संभव ही नहीं था। इस करोड़ों के राशन ढुलाई घोटाले की शिकायत रितेश गोयल के द्वारा पीएमओ और सीएम हेल्पलाइन पर कई बार की गई। रितेश गोयल का कहना है कि कथित आरोपी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त प्रभावशाली व्यक्ति है। यही वजह है कि घोटाले के सबूत आरटीआई में अटेस्टेड कॉपी के साथ लिए जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इससे बड़ी हैरानी तो यह है कि सरकारी राशन में बड़े घोटाले के सबूत मिलने के बावजूद अभी तक दोनों फ्लोर मिल और ढुलाई करने वाली फर्म से अभी भी काम लिया जा रहा है। ऐसे में सरकारी तंत्र पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं। रितेश गोयल का कहना है कि यदि सरकारी तंत्र अभी भी इस पूरे घोटाले की सीबीआई से जांच नहीं करवाता है तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उधर, रितेश गोयल के द्वारा आरटीआई की अटेस्टेड कॉपी से जुटाई गई जानकारी से खबर की पुष्टि की गई है।