विधानसभा शीतकालीन सत्र

विधानसभा शीतकालीन सत्र

आखरी दिन भी भाजपा ने किया वाकआउट

शिमला, 06 जनवरी हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने एक बार फिर सदन में जोरदार हंगामा किया। विपक्षी विधायक अंतिम दिन अभिभाषण में हुई चर्चा में हिस्सा लेने के बाद नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर सदन से बाहर चले गए। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा नियमों का उल्लेख करने और व्यवस्था देने के बावजूद विपक्ष के विधायक नहीं माने और सदन से बाहर चले गए।  विपक्ष का कहना था कि चर्चा में भाग लेने के लिए विपक्ष के तीन और सत्तापक्ष के चार सदस्यों के नाम तय हुए थे। मगर बाद में सत्तापक्ष के और सदस्यों के नाम भी इसमें शामिल कर लिए गए। विपक्ष के द्वारा मामला उठाए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था दी कि आसन के पास विशेष शक्तियां हैं और विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए अध्यक्ष फैसला लेते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के साथ हुई बातचीत के बाद कुछ सदस्यों ने चर्चा में भाग लेने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद उन्होंने उन्हें बोलने का मौका दिया।कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि पहली बार चुनकर आए विपक्ष के सदस्य भी चाहें तो चर्चा में भाग ले सकते हैं। इसके पश्चात विपक्ष की तरफ से चर्चा में भाग लेने के लिए सदस्यों की सूची विधानसभा अध्यक्ष को दी गई। इसके बाद उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में विपक्ष से आग्रह किया कि विधानसभा का प्रथम सत्र  समाप्ति की ओर है। लिहाजा विपक्ष को परंपरा के मुताबिक अंतिम दिन शौहर्दपूर्ण माहौल के साथ सदन में रहना चाहिए और सदभाव से हम सब अंतिम दिन सदन से जाएं।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष के वाकआउट पर  कहा कि उन्हें सुबह से ही इस बात का आभास था कि विपक्ष ऐसा कर सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष कहा सकता है मगर सुन नहीं सकता। उन्होंने कहा कि विपक्ष को जनादेश को स्वीकार कर हार पर मंथन करना चाहिए। सदन में अध्यक्ष की शक्तियां असीमित हैं। अध्यक्ष के आसन से दिया गया आदेश कानून होता है। कोई भी सदस्य उनके साथ तर्क वितर्क नहीं कर सकता। हम लोगों ने पांच साल तक अध्यक्ष के आसन का सम्मान किया है मगर रिवाज बदलने की बात करने वाली भाजपा राज बदलने से परेशान है।