फॉल आर्मी वर्म से बचाव हेतु कृषि विभाग ने जारी की एडवाईजरी
शिमला, 2 जुलाई। कृषि उप निदेशक अतुल डोगरा ने एडवाईजरी जारी करते हुए बताया कि जिला ऊना में पिछले वर्ष की तरह इस बार भी फाल आर्मी वर्म नामक कीट ने मक्की की फसल पर आक्रमण कर दिया है। उन्होंने बताया कि यह कीट मक्की के पत्तों पर आक्रमण करता है तथा लम्बे समानान्तर छेद पत्तों पर देखने को मिलते हैं। यह कीट रात के समय पौधों पर हमला करता है तथा दिन में पौधे के पूर्णसमूह के अंदर छिप जाता है। यह कीट अपनी जीवन अवधि में 1000 अंडे देता हैं। इस कीट का पतंगा रात के समय एक ही बार 100 अंडे देता है तथा 12 घंटे में 100 किलोमीटर का सफर तय कर लेता है। उन्होंने बताया कि अंडो से छोटी-छोटी सुंडिया निकलती है जिनको शुरू में ही कलोरपाइरीफोस 20 ईसी नामक दवाई के छिड़काव से नियंत्रित किया जा सकता है।
अतुल डोगरा ने बताया कि यह छिड़काव सुबह 6 से 10 बजे तथा शाम को 4 से 7 बजे के बीच में ही करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब ये सुंडिया बड़ी हो जाती है तब इनके नियंत्रण के लिए किसान को काफी मेहनत करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि बड़ी सुंडियों के नियंत्रण के लिए इमामैक्टिन वेन्जोएट 5 एसजी (प्रोक्लेम, इम्मा मिसाइल, इमेटिन इत्यादि) 100 ग्राम प्रति हैक्टेयर या क्लारेनट्रेनिलिप्रोल 18-5 (कोरेजन इत्यादि) 75 एमएल प्रति हैक्टेयर या फ्लूवेंडामाइड 480 एससी (फेम इत्यादि) 75 एमएल प्रति हैक्टेयर या स्पेइनोसैड 45 एससी 75 एमएल प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
इसके अतिरिक्त पतंगों को पकड़ने के लिए 5-6 फीरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ में लगायें या एजाडिरिक्टिन 1500 पीपीएम को 5 एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बना कर छिड़कायें। पौधे के पत्तों के समूह में पानी अथवा रेत, मिट्टी डालने से भी कीड़े की पौधे के अंदर ही मृत्यु हो जाती है या बैसिलस थ्युरीन्जनेसिस की मात्रा 2 ग्राम प्रति लीटर पानी का घोल बना कर छिड़काव करें।