सत्ता में ऊँची पैंठ वाली नेत्री के करीबी को फ़ायदा पहुँचने को किसने बदल दिए नियम ?
टेंडर को बदलने का इनाम मिलेगा -अच्छी ज़िम्मेदारी !
विभागीय फेरबदल से अधिकारियों की दिल्ली दौड़ चर्चा में
दो मंत्री भी कर चुके कोविड बदसलूकी की शिकायत .
अब महिला मौत से हिमाचल में उबाल !
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जिस महिला कोविड-19 मरीज को दो बूंद पानी भी नसीब नहीं हुआ और उसने आत्महत्या कर ली ,इस मामले में सरकारी तंत्र की तमाम व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है ।आखिर ऐसी क्या वजह है कि मरीजों की देखभाल को लेकर भाजपा की जयराम सरकार कोताही बरतने लगी है ? चाहे वेंटिलेटर खरीद का मामला हो या फिर स्वास्थ्य विभाग में कोविड खरीदारी का, सरकार पर उंगली उठने पर भी कार्रवाई क्यों नहीं कर हो पा रही ?मामले सामने होने पर भी आंख मूंद ली गई है । अब हालिया उदाहरण महिला की मौत का सामने आ गया है ।आत्महत्या करने के 6 घंटे तक अस्पताल में कोई नहीं आया। मरीजों की दुर्दशा पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा और मरने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है । सूत्र बताते हैं कि संगठन में कुछ लोगों का वर्धहस्त स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों पर है। जिसमें मुख्यमंत्री भी बेबस दिखाई दे रहे हैं । बताया जा रहा है कि अस्पतालों में बड़ी ख़रीद मंडी की भाजपा नेत्री के इशारे के कारण जयराम सरकार के गले की फांस बन गया है। खरीददारी से संबंधित कुछ नियमों को बदलने का दबाव बनाया गया। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक सरकार के बड़े अफसर के कमरे में पार्टी से जुड़े लोगों की टीम बैठी और नियमों को बदल दिया गया। बताया जा रहा है कि खरीद को लेकर एक महिला नेत्री को फायदा देने का खाका तैयार किया गया है। ऊपर से दिल्ली संबंधों का हवाला भी दिया गया है । बताते हैं कि अफ़सर को पीडबल्यूडी विभाग देने का आश्वासन भी इसी दबाव के कारण मिला है । सूत्रों के मुताबिक रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप की आपत्ति मुख्यमंत्री कार्यालय में पार्टी के दूसरे धड़े की भी गूंजी है कि अब उच्च स्तर पर मंडी के गहरे कनेक्शन के कारण कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है ? चर्चा यह भी है कि सरकार में हजारों शिकायतें गुमनाम सूचनाएं चलती रहती हैं लेकिन हेल्थ में ख़रीद को ले कर जिस तरह आरोपों के मामले को देखने के बजाय शिकायतकर्ता पर ही कार्यवाही हुई्, उससे कई सवाल उठने लगे हैं ।
स्वास्थ्य विभाग में बड़े आला अधिकारियों पर जयराम सरकार द्वारा चुप्पी साधे रखना भी सवाल पैदा कर रहा है । और व्यवस्थाएं लगातार बिगड़ती जा रही हैं । छोटी मछलियों को पकड़कर बड़े मगरमच्छों के खुले घूमने के कारणों को भी सत्ता के गलियारे में खूब समझा जा रहा है । बताया यह भी जा रहा है कि जो अधिकारी इस मामले में कोताही बरततेआ रहा है वह आइसोलेशन के बावजूद दिल्ली दौड़ लगा कर आया है । जबकि कोविड संक्रमित और भी अधिकारी बढ़िया महकमें जो मुख्यमंत्री से जुड़े हैं , को लेने के लिए एक धड़े की आड़ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर इसी जुंडली के कारण दबाव डाल रहा है। देखें मुख्यमंत्री क्या रुख़ अपनाते हैं ?