21 वर्ष बाद कंप्यूटर शिक्षकों को नियमितिकरण की बंधी आस
January 18, 2022 शिमला
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में आउटसोर्स पर बीते 21 वर्षों से कार्य कर रहे करीब 1400 कंप्यूटर शिक्षकों को नियमितिकरण की आस बंध गई है। कंप्यूटर शिक्षक संघ द्वारा बीते दिन जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर से अपनी मांगों को लेकर शिमला में मुलाकात की गई। मंत्री द्वारा कंप्यूटर शिक्षक संघ को उनकी समस्याओं के बारे सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया गया। बता दें कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति तैयार करने बारे गठित कमेटी का महेन्द्र सिंह ठाकुर को अध्यक्ष बनाया गया है जिसमें दो अन्य मंत्री भी शामिल है। संघ के प्रेस सचिव राजेश शर्मा ने मिडिया को जारी बयान में बताया कि बीते 21 वर्षों से कंप्यूटर शिक्षक आउटसोर्स पर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में सेवाएं दे रहे हैं। इनके द्वारा बीते कई वर्षों से नियमितिकरण की मांग की जा रही है। महेन्द्र सिंह के आश्वासन के उपरांत इस वर्ग को नियमितिकरण की उम्मीद हो गई है। दूसरी ओर कंप्यूटर शिक्षकों की आउटसोर्स कंपनी नाईलेट को एक साल का विस्तार दे दिया गया है। राजेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा नाईलेट कंपनी को प्रतिमाह 12 लाख की कमीश्न दी जा रही है जबकि कंपनी का कार्य कंप्यूटर शिक्षकों को सरकार से मिलने वाली ग्रांट से वेतन देना है। राजेश शर्मा ने बताया कि वर्ष 1998 में पूर्व भाजपा सरकार के सीएम प्रेम कुमार धूमल द्वारा शुरूआती दौर में सेल्फ फाईनैंसिंग प्रोजेक्ट के तहत 250 स्कूलों में कंप्यूटर टीचरों को तैनात किया गया था।तदोपंरात 2001 में सरकार द्वारा 900 स्कूलों में आईटी शिक्षा आरंभ की गई और कंप्यूटर टीचरों को नाईलेट कंपनी के अधीन कर दिया गया था। वर्ष 2010 में कंप्यूटर टीचरों को आउटसोर्स नाम दिया गया। मंहगाई के दौर में कंप्यूटर टीचर मात्र 12870 रूपये मासिक वेतन पर कार्य कर रहे है। बताया कि कंप्यूटर टीचरों द्वारा 9वी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को आईटी शिक्षा देने में अहम भूमिका निभाई जा रही है और अन्य अध्यापकों की तरह यह ड्यूटी दे रहे है । इनका कहना है कि यदि सरकार कंप्यूटर शिक्षकों को नियमित करती है तो आगामी विधानसभा चुनाव में संघ भाजपा को पूर्ण समर्थन देगा ।