अदानी ग्रुप सुक्खू सरकार के निशाने पर 

अदानी ग्रुप सुक्खू सरकार के निशाने पर 
एपीएमसी एक्ट के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई 
पंचायत चुनावों से पहले होगा विकास खंडों का पुनर्गठन 
शिमला, 28 मार्च। 
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अदानी ग्रुप द्वारा एपीएमसी एक्ट का उल्लंघन करने और एप्पल बेल्ट में सीए स्टोर स्थापित करने के मामले में कथित अनियमितताओं की जांच करेगी और यदि कुछ भी गलत पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह घोषणा बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंगलवार को विधानसभा में विधायक कुलदीप सिंह राठौर द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में की। राजस्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सीए स्टोर का निर्माण 2008 से 2011 के बीच राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा नाबार्ड के फंड के तहत किया गया था और इसके लिए 15.98 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी दी गई थी, लेकिन इन्हें स्थापित करने को लेकर कोई एमओयू साइन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का पता लगाएगा कि क्या वह कानूनी रूप से इतने सालों बाद उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए एमओयू हस्ताक्षरित कर सकती है या नहीं। इससे पूर्व कुलदीप सिंह राठौर ने प्रतिपूरक सवाल के माध्यम से कहा कि एप्पल बैल्ट में बिना एमओयू साइन किए सीए स्टोर अदानी ग्रुप में स्थापित कर दिए। उन्होंने कहा कि जब सेब सीजन शुरू होता है तो अदानी समूह सीजन के बीचोंबीच अपनी सेब दरें घोषित करता है और फिर इससे सेब के दामों में अचानक गिर जाती है और बागवानों को भारी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि अदानी समूह ने वर्ष 2006 में बिथल में पहले सीए स्टोर बागवानों को बिचौलियों और कमीशन ऐजेंटों के शोषण से बचाने के लिए खोला था, लेकिन वही अदानी समूह कथित तौर पर बागवानों का शोषण कर रहा है। इसी मुद्दे पर विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि सेब की खरीद दरें उत्पादकों के साथ विचार विमर्श के बाद तय होनी चाहिए और दरों को निर्धारित करने के लिए कोई तंत्र होना चाहिए।
कांग्रेस सदस्य सुधीर शर्मा के सवाल पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि कुल 16352 पौंग बांध विस्थापितों में से 15352 लोगों को प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जों और पौंग बांध विस्थापितों की अन्य शिकायतों के निवारण के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उनके माध्यम से शिकायतों को राजस्थान पुलिस को भेजकर उनका निवारण सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेष एक हजार पौंग बांध विस्थापितों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी करने और उन्हें मुरब्बा आवंटन के लिए अपने अपेक्षित दस्तावेज जमा करवाने के लिए तीन बार नोटिस के साथ-साथ अन्य माध्यमों से भी हितधारकों को आमंत्रित किया गया है, ताकि उनके दस्तावेजों का सत्यापन कर उनके मामलों को राजस्थान सरकार को भेजा जा सके।ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधायक संंजय रतन के एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश सरकार वर्ष 2025 में होने वाले पंचायत चुनावों से पहले प्रदेश में विकास खंडों का पुनर्गठन करेगी। उन्होंने कहा कि यह पुनर्गठन विधायकों से विचार विमर्श के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में अभी भी बीडीओ आफिस नहीं है, उन क्षेत्रों में जरूरत के अनुरूप ये कार्यालय खोलने पर सरकार विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पालमपुर, ज्वालामुखी और पंचरुखी में खंड विकास कार्यालय खोलने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ ब्लाकों को इसलिए डिनोटिफाई किया गया, क्योंकि पूर्व सरकार ने 15 से 20 पंचायतों के ही ब्लाक बना दिए थे। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक रवि ठाकुर के सवाल के जवाब में कहा कि केलांग डिपो में 46 बसें ऐसी हैं, जिन्होंने अपनी उम्र पूरी कर ली है और इन्हें बदला जाना है। इतनी ही बसें रिकांगपिओ डिपो में भी बदली जानी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रदेश सरकार अथवा निगम इस स्थिति में नहीं है कि इन बसों को एक साथ बदल दिया जाए। ऐसे में निगम फिलहाल केलांग डिपो को 10 नई बसें देने जा रहा है। विधायक पूर्ण ठाकुर के एक सवाल के जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंडाह खड्ड के तटीकरण का मामला सरकार वित्त पोषण के लिए दिल्ली भेज रही है। उन्होंने इसे सिरे चढ़ाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की और कहा कि फिलहाल केंद्र सरकार का सारा फोक्स जलजीवन मिशन पर है। ऐसे में पेयजल, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण जैसे कार्य उसकी प्राथमिकता नहीं है। विधायक सुरेंद्र शौरी, सुखराम चौधरी, केवल सिंह पठानिया, नंद लाल, नीरज नैय्यर और पवन काजल ने भी अपने-अपने विधानसभा हलकों से संबंधित सवाल पूछे।