हिमाचल में सभी मंदिरों के विकास के लिए बनेगा मास्टर प्लान – अग्निहोत्री

हिमाचल में सभी मंदिरों के विकास के लिए बनेगा मास्टर प्लान – अग्निहोत्री 
सरकारी नियंत्रण वाले सभी मंदिरों में नियुक्त होंगे पुजारी 
कोरोना काल के बाद बंद बस रूटों पर फिलहाल नहीं दौड़ेंगी बसें 
शिमला, 5 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में सरकारी नियंत्रण वाले सभी मंदिरों को नियोजित ढंग से विकसित करने के लिए मास्टर प्लान बनेगा। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार को विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि इन मंदिरों में अलग-अलग हिस्सों में विकास कार्य नहीं होंगे, क्योंकि अभी तक छोटे-छोटे कार्यों पर बहुत अधिक पैसा खर्च किया जा चुका है और उसके अपेक्षित परिणाम नहीं निकले हैं। इसी के चलते सरकार ने अब सभी सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों को वैष्णो देवी धाम की तर्ज पर मास्टर प्लान के तहत विकसित करने का निर्णय लिया है। विधायक सुदर्शन सिंह बबलू के मूल प्रश्न के जवाब में  उप मुख्यमंत्री ने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर परिसर में निर्माण के लिए 7.32 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और इसके लिए 5.46 करोड़ रुपए की लागत से 1669 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसके अलावा दुकानों के निर्माण पर भी 1.86 करोड़ रुपए, सीवरेज के लिए 16 करोड़ रुपए, पेयजल योजना पर 12.24 करोड़ रुपए और म्यूजियम के लिए 11.21 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में माता चिंतपूर्णी का भव्य मंदिर बनेगा। यही नहीं, मंदिर से मुबारकपुर तक की सड़क पर रोड साइड एमिनिटीज विकसित करने पर भी काम किया जा रहा है। विधायक यादवेंद्र गोमा के एक सवाल के जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार आशापुरी सहित उन सभी सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों में पुजारी नियुक्त करने की व्यवस्था करेगी, जहां अभी पूजा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 40 मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन के हैं। उन्होंने माना कि एएसआई ने प्रदेश के प्राचीन मंदिरों को अपने अधीन तो कर लिया, लेकिन इनकी देखभाल पर कोई खर्च नहीं किया जा रहा है। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार यह मामला एएसआई के साथ उठाएगी ताकि उसके अधीन गए मंदिरों की उचित देखभाल कर उन्हें बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि आशापुरी मंदिर बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र और इसे बचाने की जरूरत है. लेकिन इस मंदिर का मसला एएसआई के सहयोग से ही हल होगा। विधायक सतपाल सिंह सत्ती के एक सवाल के जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जन जीवन मिशन अब समाप्त होने की ओर है और इसके तहत प्रदेश को केंद्र से अब केवल 1272 करोड़ रुपए मिलना शेष है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हिमाचल को केंद्र से कुल 5800 करोड़ रुपए स्वीकृत हुआ है। इसमें से 3082 करोड़ रुपए केंद्र का हिस्सा है, जबकि 1028 करोड़ रुपए केंद्र से प्रोत्साहन राशि के रूप में मिला है। उन्होंने कहा कि अभी तक जल जीवन मिशन के तहत केंद्र से हिमाचल को 4111 करोड़ रुपए मिल चुका है। जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में अब केवल 29 हजार नलके लगने शेष है। विधायक विनोद सुल्तानपुरी के एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के बाद प्रदेश में 100 बस रूट बंद हुए हैं। इनमें से केवल मनाली-मनिकर्ण रूट ही लाभ में था और बस की उपलब्धता के बाद इस रूट को फिर से बहाल कर दिया जाएगा। विधायक लोकेंद्र कुमार के एक सवाल के जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि जलोड़ी दर्रे पर रेस्क्यू चेक पोस्ट का निर्माण चल रहा है और इसके पूरा होते ही यहां पर पूरा रेस्क्यू स्टाफ तैनात कर दिया जाएगा। फिलहाल यहां दो वायरलेस ऑपरेटर 24 घंटे तैनात रहते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से रेस्क्यू का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी आधिकारिक तौर पर मदद ली जा सके।
ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग में भी बनेगी तबादला नीति – अनिरुद्ध सिंह 
ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग में भी तबादला नीति बनाई जाएगी ताकि रोज-रोज के तबादलों के झंझट से छुटकारा मिल सके। विधायक बलवीर वर्मा के मूल प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग से कोई भी पैसा सरकार को वापस नहीं भेजा गया है। उन्होंने कहा कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र में पंचायतों में विकास कार्यों के निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए 39.98 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं।