शिमला, 6 जनवरी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज अपने जन्मदिवस पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को परीक्षाओं को बोझ न समझकर खुद के मूल्यांकन की प्रक्रिया समझनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाएं शैक्षणिक प्रक्रिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने और विद्यार्थियों की प्रगति के मूल्यांकन में सहायता करने का मार्ग है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में यह दबाव, तनाव, भय और घबराहट उत्पन्न करता है। परीक्षाओं के तनाव का मुख्य कारण अच्छा विद्यार्थी होने के लिए अच्छे अंक अर्जित करने की धारणा है। तनाव को खत्म करने के लिए विद्यार्थियों को समय से पहले परीक्षाओं के लिए तैयार होने की आवश्यकता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थी देश और प्रदेश का भविष्य हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से उनके सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण भाव से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने विद्यार्थियों से माता-पिता और अध्यापकों का सदैव सम्मान करने का आग्रह किया, क्योंकि सही मायने में वे ही उनके भविष्य के निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई भी वैकल्पिक मार्ग नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों से महामारी के दौरान और अधिक सतर्क रहने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमारी जीवनशैली के हर एक पहलु को प्रभावित किया है। महामारी के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने विभिन्न पहल की हैं। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन कक्षाओं का कोई भी विकल्प नहीं है और इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं वरदान साबित हुई हैं। इससे विद्यार्थी न केवल संक्रमित होने से बच पाए हैं, बल्कि नई तकनीक के माध्यम से उन्हें सीखने का अवसर भी मिला है।
संवाद सत्र के दौरान प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के लगभग दो हजार विद्यार्थियों ने ऑनलाइन भाग लिया।