शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यालय में फिर बदलाव की चर्चाएं हैं। अब मुख्यमंत्री के ओएसडी महेंद्र धर्माणी की मुख्यमंत्री कार्यालय से विदाई हो सकती है और उनके स्थान पर एक नए नाम की चर्चा है। वीर सिंह गुलेरिया की ताजपोशी मुख्यमंत्री के ओएसडी के पद पर हो सकती है। सूचना यह है कि यह बदलाव शीघ्र ही होने वाला है। ओएसडी पद से विदाई के बाद धर्माणी को नए पद पर तैनाती होना तय है। सरकारी सूत्रों के अनुसार धर्माणी को पर्यटन निगम में उपाध्यक्ष पद की नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। धर्माणी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बहुत करीबी हैं और विद्यार्थी परिषद की राजनीति के समय के साथी रहे हैं। जिसके कारण ही मुख्यमंत्री बनते ही जयराम ठाकुर ने धर्माणी को ओएसडी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। धर्माणी के ओएसडी पद से हटने के समाचार कई बार आए। इन्हीं चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय में बदलाव हुआ और मुख्यमंत्री के निजी सचिव विनय सिंह के स्थान पर आर एन बत्ता की ताजपोशी हो गई। ओएसडी पद पर कोई बदलाव नहीं हुआ। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ओएसडी धर्माणी को क्यों बदलना चाह रहे हैं, यह भी सवालों में है। क्या धर्माणी मुख्यमंत्री की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए हैं, यह बड़ा सवाल है। वैसे देखा जाए तो जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के समय ओएसडी पद पर तैनात महेंद्र धर्माणी हमेशा साथ में नजर आते थे लेकिन लंबे समय से वह मुख्यमंत्री के आगे –पीछे कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। जिससे लगता है कि अब दूरियां बढ़ गईं हैं। इस बारे में धर्माणी कहते हैं ऐसी कोई बात नहीं है। कोरोना संकट के कारण ही वह मुख्यमंत्री के साथ कम ही जाते हैं। ओएसडी पद से विदाई और नए पद पर ताजपोशी के बारे में धर्माणी कहते हैं कि इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं हैं।
अब धर्माणी ओएसडी पद पर बने रहते हैं या उनकी विदाई होती है, यह तो मुख्यमंत्री के फाइनल निर्णय लेने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन यह तय है कि ओएसडी पद की कुर्सी बचाने और पाने की सियासत पर्दे के पीछे चल रही है। सत्ता और संगठन से जुड़े नेता भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मिले हैं और जोड़ तोड़ चल रही है। ओएसडी पद के लिए जो नया नाम सामने आया है वीर सिंह गुलेरिया का, उनके बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन पार्टी नेताओं के अनुसार वह संघ से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं जो लंबे समय से संगठन के लिए कार्य कर रहे हैं। अब देखना है कि ओएसडी पद पर मुख्यमंत्री कब और क्या निर्णय लेते हैं।