कांग्रेस संग विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने वाले भाजपा विधाकयों की मुख्यमंत्री ने ली क्लास, ऐसा बर्दाश्त नहीं होगा

 

शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस संग विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करने वाले विधायकों की क्लास ली। बीते कल हुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा करने पर विधायक भी हैरान हुए। विधायकों का यह कहना है कि जब यह मामला उसी समय सफाई देने के बाद समाप्त हो गया था तो विधायक दल की बैठक में नहीं उठना चाहिए था। कांग्रेस संग विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने की मांग करने वाले विधायकों में रमेश ध्वाला, राकेश पठानिया, विशाल नैहरिया, रीना कश्यप सहित अन्य विधायक शामिल थे।

गत माह विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा के अध्यक्ष विपिन परमार से मिलकर कोरोना संकट पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। मुकेश अग्निहोत्री के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे गए पत्र में भाजपा के आधा दर्जन से अधिक विधायकों के हस्ताक्षर थे। उस समय भाजपा  के विधायकों का मुकेश अग्निहोत्री संग विधानसभा अध्यक्ष को  पत्र सौंपने का फोटो भी जारी हुआ था। जैसे ही यह समाचार मीडिया में आया कि कांग्रेस संग भाजपा के विधायकों ने भी विशेष सत्र बुलाने की मांग की तो दूसरे दिन सभी भाजपा विधायकों ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि उन्होंने विशेष सत्र बुलाने के मांग पत्र पर हस्ताक्षर तो किए थे लेकिन सरकार के खिलाफ जाने और कांग्रेस का साथ देने की बात नहीं हैं। लेकिन सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि सरकार से नाराज विधायक कांग्रेस संग मिलकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। भाजपा विधायकों के इस कदम का संदेश जनता के बीच ठीक नहीं गया इस कारण मुख्यमंत्री ने विधायक दल की बैठक में कहा कि बेशक इसके पीछे भाजपा विधायकों की मंशा गलत न हो लेकिन जनता के बीच संदेश ठीक नहीं गया। जिससे आगे विधायकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह ऐसा कोई कार्य न करें जिससे सरकार और संगठन की छवि पर विपरीत असर पड़े। इस प्रकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के पत्र पर साइन करने वाले विधायकों के साथ पार्टी के सभी विधायकों तक संदेश पहुंचा दिया।