ध्वाला ने बोला संगठन मंत्री पर हमला, पवन राणा मुझे विधायक नहीं देखना चाहता, प्रदेशाध्यक्ष कैसे बनने देगा, राजनीति करनी है तो ज्वालामुखी से चुनाव लड़कर देख लें

 

शिमला. पूर्व मंत्री और ज्वालामुखी से भाजपा के विधायक रमेश ध्वाला ने सीधे तौर पर संगठन मंत्री पवन राणा पर हमला करते हुए कहा कि राणा मुझे एमएलए देखना नहीं चाहते तो प्रदेशाध्यक्ष कैसे बनने देंगे। उन्होंने राणा को सीधे चुनौती देने के अंदाज में कहा कि राजनीति करनी है तो चुनाव लड़कर देख ले। ध्वाला ने कहा कि राणा उनके विधानसभा क्षेत्र के हर काम में हस्तक्षेप करते हैं। जिसकी शिकायत पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से भी की है और आज ओकओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ हुई कांगड़ा के विधायकों की मीटिंग के समय भी की है। ध्वाला ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रशंसा की तो संगठन मंत्री पवन राणा पर हमला किया। ध्वाला ने कहा कि मेरे साथ कांगड़ा के एक-दो विधायकों को छोड़कर सभी ने संगठन मंत्री के उनके विधानसभा क्षेत्र में हस्तक्षेप करने की शिकायत की है। ध्वाला आज शिमला में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बात की। यह वीडिया सोशल मीडिया में भी चल रहा है। ध्वाला ने कहा कि संगठन चुनाव के दौरान उन लोगों को स्थान दिया गया जो भाजपा के सदस्य भी नहीं है। हम लोग ज्वालामुखी के सौ से अधिक लोगों के साथ बैठे रहे और चुनाव के लिए खुंडिया में पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मैं किसी का ट्रांसफर कराता हूं तो यहां पर रुकवा दिए जाते हें। अब तो हद हो गई मेरे साथ भेदभाव करने की। ध्वाला ने कहा कि संगठन के लोगों का काम होता है कि वह स्थानीय विधायक को मजबूत करें लेकिन यह लोग विधायक को ही कमजोर करने का काम करते हैं। ध्वाला ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष यह बात रखी है कि भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष कांगड़ा जिले से बनाया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के बाद अभी तक कांगड़ा को प्रदेशाध्यक्ष का पद नहीं मिला है जबकि कांगड़ा सबसे बड़ा जिला है और 15 विधानसभा क्षेत्र हैं, इससे पार्टी को फायदा होगा। उनके अध्यक्ष पद दाबेदारी को लेकर ध्वाला ने कहा कि मुझे कौन बनाएगा। पवन राणा मुझे विधायक देखना नहीं चाहता तो प्रदेशाध्यक्ष कैसे बनने देगा। अगर मैं अध्यक्ष बन गया तो मैं रहूंगा या पवन राणा, एक म्यान में दो तलवार नहीं हो सकती। ध्वाला ने सीधे आरोप लगाया कि वहां पर संगठन के स्तर पर जो कार्य किया जाता है उसमें विधायक की कोई सहमति नहीं ली जाती। ऐसी ही शिकायत कांगड़ा के सभी विधायकों ने आज मुख्यमंत्री से की है। ध्वाला ने कहा कि मैं दो बार मंत्री रहा हूं और सब देखा है। ये पहला अवसर है जब संगठन के लोग इतने हावी हो रहे हैं। जिससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। ध्वाला ने कहा कि इस संबंध में सारी बात आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष रखी है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में हाईकमान से हल कर मतभेद को दूर करने का प्रयास करेंगे।