शिमला11 जून 2020.कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने भाजपा की वर्चुल,जन संवाद रैलियों की आलोचना करते हुए कहा है कि देश प्रदेश में कोरनो महामारी के चलते इस संकट की घड़ी में भी भाजपा अपनी राजनीति से बाज नही आ रही है।उन्होंने कहा है कि आज देश प्रदेश इतने बुरे दौर से गुज़र रहा है कि लोग अपनी बेबसी पर रो रहें है तो दूसरी तरफ सरकार उन्हें अपनी उपलब्धियों गिना रही है।
राठौर ने केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के राहुल गांधी पर दिए गए बयान की भर्त्सना करते हुए कहा है कि भाजपा को हर समय राहुल गांधी ही नज़र आते है।उन्होंने कहा है कि समय रहते अगर भाजपा ने राहुल गांधी की कोरोना को लेकर चेतावनी पर गौर किया होता तो आज देश की यह स्थिति नही होती।
राठौर ने भाजपा को संवेदनहीन बताते हुए कहा है कि सरकार के कोरोना से लड़ने के सभी उपाय धरे के धरे रह गए है।लॉक डाउन पूरी तरह से फेल हो गया है।आज जो देश प्रदेश में इसके रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है वह बहुत ही चिन्ता का विषय है।
राठौर ने कहा है कि भाजपा को केवल एक ही काम रह गया है कि किस प्रकार राहुल गांधी पर कोई निशाना साधा जाए।असल मे राहुल गांधी का आपदा प्रभावित लोगों के बीच जा कर उनका दुख दर्द बांटना भाजपा को सहन नही हो रहा है इसलिए वह अपनी ओछी राजनीति से उन्हें हर समय निशाना बनाती रहती है।उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि राहुल गांधी के साथ पूरी कांग्रेस खड़ी है।
राठौर ने प्रदेश सरकार को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि इस माहमारी से लड़ने के लिए एक तरफ जहां घटिया किस्म के उपकरण, पीपीई किट और वेन्टीलेटर की खरीद की गई वही दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक इसमें घूस खाते रहे।मुख्यमंत्री इसकी निष्पक्ष जांच से घबरा रहें है क्योंकि उन्हें पता है कि इस जांच की आंच उनके नेताओं और उनके कार्यालय तक भी पहुंच रही है।प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा इस बात को साफ इंगित करता है कि इसमे पार्टी नेताओं की सलिप्ता रही है।
राठौर ने कहा है कि कोरोना माहमारी से लड़ने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार बड़ी बड़ी बाते तो कर रही है पर लोगों को कोर भी राहत जमीनी स्तर पर नही मिल रही है।करोड़ो के पैकज की बाते की जा रही है,पर यह किसे दिया जा रहा है इसका किसी को कोई पता नही है।उन्होंने कहा है कि देश के साथ साथ प्रदेश भी आज एक जगह ठहर सा गया है।भाजपा अपने राजनैतिक एजेंडे पर काम कर रही है।उन्होंने कहा है कि यह देश का दुर्भाग्य ही है कि आजदी के 70 सालो के बाद आज देश इतने बुरे दौर से गुज़र रहा है।देश को आजाद करवाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों ने भी कभी यह कल्पना नही की होगी कि देश मे इतना बुरा दौर भी आएगा, जहां देश की अर्थव्यवस्था निम्न स्तर पर पहुँच कर बेरोजगारी में लोगों को भूख प्यास से जूझना पड़ेगा।