पीपीई किट घोटाला : पृथ्वी सिंह के सहारे भाजपा के ‘बड़े नेता’ तक पहुंच सकती है बिजिलेंस

 

शिमला. कोरोना संकट के दौरान पीपीई किट घोटाले में बिजिलेंस ने दूसरे आरोपी प्रथ्वी सिंह को गिरफ्तार कर रिमांड में लिया है। अब बिजिलेंस प्रथ्वी सिंह से पीपीई सप्लाई के लिए हेल्थ डायरेक्टर के साथ हुए सौदे की सच्चाई जानने का प्रयास करेगी। गिरफ्तार किए गए प्रथ्वी सिंह के संबंध भाजपा के किसी बड़े नेता के साथ जोड़े गए थे। अब प्रथ्वी सिंह बिजिलेंस की गिरफ्त में है, जिससे पता चलेगा कि उसके किस नेता के साथ करीबी संबंध हैं या किस नेता के परिवारिक सदस्यों के साथ मिलकर वह कार्य करता था। यह भी सामने आ सकता है कि स्वास्थ्य विभाग में पीपीई किट सप्लाई के लिए उसकी किस नेता ने मदद की थी। इसके साथ ही मीडिया की खबरों के अनुसार पीपीई किट के सप्लाई के बदले ही हेल्थ डायरेक्टर उससे पांच लाख रुपए मांग रहा था। जिसकी बात वायरल हुए ऑडियो में सामने आई थी। जिससे लगता है कि बिजिलेंस प्रथ्वी सिंह से पूछताछ के सहारे भाजपा के बड़े नेता तक पहुंच सकती है और पीपीई किट की जांच में कई और खुलासे हो सकते हैं। आपको बता दें कि पीपीई किट घोटाले में ऑडियो वायरल होने के बाद बिजिलेंस ने मामला दर्ज कर हेल्थ डायरेक्टर अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया था, जिन्हें अदालत से जमानत मिल गई है। इसी घोटाले में भाजपा के बड़े नेता के नाम आने पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था।  

पीपीई किट मामले में बिजिलेंस ने पहले हेल्थ डायरेक्ट को गिरफ्तार किया था। इसी समय ही बिजिलेंस ने पीपीई किट सप्लाई करने वाली कंपनी के कर्मचारी प्रथ्वी सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद दो दिन पूर्व बिजिलेंस ने प्रथ्वी सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया और रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान बिजिलेंस प्रथ्वी सिंह से कड़ी पूछताछ करेगी, यह तय है। आज मीडिया में आई खबर के अनुसार प्रथ्वी सिंह से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पीपीई किट की सप्लाई के लिए वह  हेल्थ डायरेक्टर को 3 लाख देने की पेशकश कर रहा था लेकिन हेल्थ डायरेक्टर 2 लाख और मांग रहा था। प्रथ्वी सिंह आगे भी और सप्लाई लेना चाह रहा था जिसके कारण उसने पांच लाख देने की बात स्वीकर कर ली।

पीपीई किट घोटाले में भाजपा के बड़े नेता का नाम आया, जिसके कारण प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर प्रदेशाधक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देने के बाद भी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलकर पीपीई किट घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है। कांग्रेस को बिजिलेंस की जांच पर भरोसा नहीं है। इसके साथ ही कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन का ऐलान भी किया है। इस घोटाले से सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी है और सरकार की छवि भी खराब हो रही है। यह मामला भाजपा हाईकमान की नजर में भी आ गया है। जिससे सरकार दाबा कर रही है बिजिलेंस के माध्यम से पीपीई किट घोटाले की निप्पक्ष जांच होगी और जो भी इसमें शामिल होगा, उसे वख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी ऐलान किया है कि पीपीई किट घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को वख्शा नहीं जाएगा। जिससे लगता है कि प्रथ्वी सिंह से पूछताछ के सहारे लगने वाले सुरागों के साथ बिजिलेंस की जांच भाजपा के बड़े नेता और उसके रिश्तेदारों तक पहुंच सकती है, जिनके पीपीई घोटाले में गिरफ्तार प्रथ्वी सिंह के साथ करीबी संबंध बताए जा रहे हैं। अब देखना है कि बिजिलेंस जांच कहां तक पहुंचती है और प्रथ्वी सिंह के बाद बिजिलेंस की गिरफ्त में कौन आता है।