हिमाचल में बरसात का तांडव 

हिमाचल में बरसात का तांडव
शिमला में पांच मंजिला इमारत जमीदोज, तीन और खतरे की जद में
समेज में फिर बादल फटा, व्यापक नुकसान
प्रदेश में अब तक मानसून से जुड़ी घटनाओं में 20 की मौत, 4 लापता
शिमला, 30 जून।
हिमाचल प्रदेश में बरसात का तांडव लगातार जारी है। राज्य में पिछले कुछ दिनों से हो रही व्यापक से भारी और बहुत भारी वर्षा के कारण चारों ओर तबाही का मंजर है और जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आज सुबह प्रदेश की राजधानी शिमला के भट्ठाकुफर इलाके की माठू कॉलोनी में चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रास्ते में एक पांच मंजिला भवन भर भर कर जमींदोज हो गया जबकि तीन और बहुमंजिला भवन गिरने के कगार पर हैं जिन्हें खाली करवा लिया गया है। उधर शिमला जिला के ऊपरी क्षेत्र रामपुर के समेज में बीती रात बादल फटने की घटना में लगभग लगभग आधा दर्जन मवेशी, दो गौशालाएं और एक रसोईघर पानी के तेज बहाव में सतलुज नदी में बह गई। हिमाचल प्रदेश में अभी तक मौनसून से जुड़ी घटनाओं में 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि चार लोग लापता है। प्रदेश में हो रही भारी से बहुत भारी वर्षा के चलते दर्जनों सड़कें अवरुद्ध हैं और जनजीवन ठहर सा गया है।
शिमला के भट्टाकुफर इलाके की माठू कॉलोनी में ढह गई एक पांच मंजिला इमारत में कोई हताहत नहीं हुए क्योंकि जिलाप्रशासन ने इस इमारत को दरारें आने के कारण बीती रात ही खाली करवा लिया था। इस इमारत में फोरलेन सड़क के निर्माण के कारण दरें आई थी। इस इमारत के साथ है जिन तीन अन्य भवनों में दरारें आ गई हैं और गिरने के कगार पर है उन्हें भी खाली करवा लिया गया है।
चमियाणा ग्राम पंचायत के उप प्रधान यशपाल वर्मा के अनुसार पिछले साल इमारत में दरारें पड़ गई थीं, लेकिन कैथलीघाट-ढल्ली फोर-लेन सड़क का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि इमारत सुरक्षित है। वर्मा ने कहा कि पंचायत ने कंपनी को काम रोकने के लिए लिखा था, क्योंकि इससे इमारतें असुरक्षित हो रही थीं। हालांकि उन्होंने निर्माण गतिविधियां जारी रखीं, जिससे इमारत ढह गई। उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण इमारत ढह गई।
इमारत की मालिक रंजना वर्मा ने कहा कि हमने रविवार रात को इमारत खाली कर दी थी क्योंकि शनिवार की बारिश के बाद जमीन खिसक रही थी। इमारत सोमवार सुबह करीब 8.15 बजे ढह गई। उन्होंने कहा कि फोर लेन की सड़क के निर्माण ने इमारत को खतरे में डाल दिया था, लेकिन इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए।
इस बीच रामपुर की सरपारा ग्राम पंचायत के सिकासेरी गांव में बादल फटने से दो गौशालाएं, तीन गायें और दो बछड़े, एक रसोईघर और एक कमरा बह गया। यह घर राजिंदर कुमार, विनोद कुमार और गोपाल का था। हालांकि इस घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। पिछले साल जुलाई में सरपारा पंचायत के समेज में ही बादल फटने से 21 लोगों की जान चली गई थी।
इस बीच, लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने के बाद शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांच स्थानों पर पत्थर गिरे। इसके बाद यातायात को एक लेन पर डायवर्ट कर दिया गया, जिससे इस सड़क पर लंबा जाम लग गया। सोलन जिले के कोटी के पास चक्की मोड़ पर भी पत्थर गिरने से यातायात बाधित हुआ। सोलन जिले के देलगी में भूस्खलन के बाद सुबाथू-वाकनाघाट मार्ग भी बंद हो गया है। सड़क को बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
इस बीच प्रदेश में भारी से बहुत भारी वर्षा के रेड अलर्ट के चलते आज कई जिलों में स्कूल बंद रहे। मौसम विभाग ने सोमवार को राज्य के सात जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के कुछ हिस्सों में अगले 24 घंटों में मध्यम से उच्च फ्लैश-फ्लड का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने बुधवार को भी हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
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कहां कितने बरसे बादल
हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कई स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा हुई है। प्रदेश में पंडोह में सबसे अधिक 123 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा मंडी में 119.4 मिमी, मुरारी देवी में 113.2 मिमी, पालमपुर में 83, घाघस में 65.4, भराड़ी में 65.2, कसौली में 64, नादौन में 63, सलापड में 62.8, धर्मपुर में 56.6 और सुजानपुर टीहरा में 53 मिमी बारिश दर्ज की गई।