शिमला, 11मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को 17053 करोड़ 78 लाख रुपए का अनुपूरक बजट पारित कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में सदन में वित्त वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट की पहली व अंतिम किस्त प्रस्तुत की। सदन ने इसे बिना चर्चा के ही पारित कर दिया। उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अनुपूरक बजट को लेकर हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक भी सदन में पेश किया और उसे भी सदन ने पारित कर दिया। इसके पारित होने के बाद सरकार को 17053 करोड़ 78 लाख रुपए से अधिक की राशि को खर्च करने की अनुमति मिल गई है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सदन में 17053 करोड़ 78 लाख रुपए की अनुपूरक मांगें प्रस्तुत की। इनमें से 15776 करोड़ 19 लाख राज्य स्कीमों और 1277 करोड़ 59 लाख रुपए केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्कीमों के तहत मुख्य रूप से 10137 करोड़ 7 लाख रुपए ‘वेज एंड मींस’ और ‘ओवरड्राफ्ट’ के लिए, 1033 करोड़ 63 लाख रुपए विद्युत उत्पादन, मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त 33 केवी के ट्रांसफार्मरों की मरम्मत और एचपीपीटीसीएल, एचपीपीसीएल, एचपीएसईबीएल व एचपीएसएलडीसी को ऋण, 814 करोड़ 94 लाख रुपए हिमाचल पथ परिवहन निगम को यात्रियों की विभिन्न श्रेणियों को किराए में दी जा रही छूट के एवज में उपदान, ई-बसों की खरीद, 763 करोड़ 26 लाख रुपए पेंशन और अन्य अन्य सेवानिवृत्त लाभ, 455 करोड़ 91 लाख रुपए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण व मशीनरी की खरीद तथा हिम केयर योजना को प्रावधित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 329 करोड़ 44 लाख रुपए जलापूर्ति एवं मल निकासी योजनाओं, 303 करोड़ 67 लाख रुपए प्राकृतिक आपदा राहत, 173 करोड़ 25 लाख रुपए पर्यटन विकास, 150 करोड़ 19 लाख रुपए मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त पाठशाला भवनों की मरम्मत व पुनर्निर्माण, नई पाठशालाों व कालेजों के भवनों में निर्माण, इंडोर ऑडिटोरियम के निर्माण तथा फार्मेसी कालेज सिराज के लंबित दायित्व के भुगतान को प्रावधित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 142 करोड़ 83 लाख रुपए 15वें वित्तायोग के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों को सहायता अनुदान, 135 करोड़ 88 लाख रुपए सड़कों, पुलों के निर्माण व मुआवजे, 130 करोड़ 16 लाख रुपए कामकाजी महिला हास्टलों के निर्माण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के मानदेय, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना और इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि के तहत विभिन्न व्ययों, 127 करोड़ 77 लाख द्वारका, नई दिल्ली में राज्य अतिथि गृह के निर्माण, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्रावास के निर्माण और कार्यालय भवनों के निर्माण व रखरखाव. 124 करोड़ 50 लाख रुपए रेल परियोजनाओं, 120 करोड़ 72 लाख रुपए मनरेगा के तहत मजदूरी के भुगतान, 88 करोड़ 97 लाख रुपए बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और हिमस्वां कनेक्टिविटी, 81 करोड़ 52 लाख रुपए शहरी स्थानीय निकायों की सहायता अनुदान, मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त विभिन्न मल निकासी योजनाओं, रास्तों, एंबुलेंस सड़कों, पार्किंग की मरम्मत व पुनर्निर्माण और एसजेपीएनएल में निवेश, 79 करोड़ 62 लाख रुपए जायका प्रोजेक्ट, एमआईएस के लंबित दायित्व और 73 करोड़ 54 लाख रुपए आवासीय भवनों के निर्माण व रखरखाव, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए प्रावधित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के तहत अधिकतर राशि चालू तथा नई विकास योजनाओं, जिनके लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष के दौरान धनराशि प्राप्त हुई, के लिए प्रस्तावित है। 296 करोड़ 56 लाख रुपए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, 207 करोड़ 71 लाख रुपए एनडीआरआफ से प्राप्त आपदा प्रबंधन के लिए, 207 करोड़ 23 लाख रुपए रेणुकाजी बांध विस्थापितों को मुआवजे, 90 करोड़ 28 लाख रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), 53 करोड़ 39 लाख रुपए मनरेगा, 51 करोड़ 74 लाख रुपए अम्रुत, 43 करोड़ 25 लाख रुपए प्रधानमंत्री स्कूल्ज फॉर राईजिंग इंडिया, 42 करोड़ 71 लाख रुपए बीपीएल परिवारों के गेहूं और चावल पर उपदान, 38 करोड़ 62 लाख रुपए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, 35 करोड़ 23 लाख रुपए विशेष पोषाहार कार्यक्रम, 22 करोड़ 29 लाख रुपए स्वच्छ भारत मिशन और 18 करोड़ 88 लाख रुपए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए प्रस्तावित हैं। उन्होंने सदन से अनुपूरक अनुदान मांगों को पारित करने का आग्रह किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।