शिमला: आज दिनाँक 10 सितम्बर, 2024 को पूर्वाह्न 10:30 बजे हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय के लॉ कालेज के छात्र – छात्राओं ने विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां से सत्र आरम्भ होने से पूर्व मुलाकात की। गौरतलब है कि ये सभी छात्र – छात्राएं आखिरी दिन की कार्यवाही देखने विधान सभा सचिवालय पहुँचे थे। इस अवसर पर सभी बच्चों ने विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां से युवा संसद का आयोजन करने का आग्रह किया ताकि वे विभिन्न भूमिकाओं में इस प्रणाली को गहनता से जाने। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि वह शीघ्र ही इस विषय पर निर्णय लेंगे तथा अपने सचिवालय के माध्यम से आपको सूचित करवाएंगे। विधान सभा अध्यक्ष ने संवाद के दौरान कहा कि जहाँ हम खड़े हैं यह कौंसिल चैम्बर है। यह देश की सर्वप्रथम राष्ट्रीय असैम्बली है जिसका निर्माण 1920 से 1925 के बीच 5 वर्ष के कार्यकाल में हुआ था। इसके निर्माण पर तब 10 लाख रूपये का व्यय हुआ था। पठानियां ने कहा कि कौंसिल चैम्बर कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। वर्ष 1925 में पहली राष्ट्रीय असैम्बली का गठन हुआ था तथा विठ्ठल भाई पटेल 2 मतों से ब्रिटिश प्रतिनिधि को हराकर पहले निर्वाचित चेयरमैन बने थे। उन्हीं के प्रयासों से विधान मण्डल तथा विधान सभाओं के लिए अलग से सचिवालय की व्यवस्था की गई थी। पंडित मोती लाल नेहरू, लाल लाजपतराय जैसे महान नेता राष्ट्रीय असैम्बली के सदस्य रह चुके हैं। भारत की आजादी तथा महिलाओं को मताधिकार का अधिकार जैसे प्रस्ताव इसी सदन से पारित हुए थे। यह भवन पँजाब विधान सभा, हिमाचल प्रदेश पार्ट -सी स्टेट असैम्बली तथा 1 जुलाई 1963 से हिमाचल प्रदेश विधान सभा के रूप में उपयोग किया जा रहा है।पठानियां ने कहा कि हमारे देश की संसदीय प्रणाली संघीय ढॉचे पर आधरित है। हमारे संविधान में केन्द्र में राज्य सभा उपरी सदन तथा लोक सभा निचला सदन का प्रावधान है जबकि राज्यों में विधान मण्डल ऊपरी सदन तथा विधान सभा निचला सदन है। केवल बड़े राज्यों में ही विधान मण्डल का प्रावधान है। हिमाचल प्रदेश में विधान सभा ही एकमात्र सदन है।इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ने छात्रों को सदन में आज होने वाली कार्यवाही की जानकारी दी तथा सभी को सदन की कार्यवाही देखने के लिए आमन्त्रित किया। पठानियां ने सभी को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी ।