कृषि विश्वविद्यालय में नहीं बनेगा कैसिनो
शिमला, 6 सिंतबर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वह जिद्दी नहीं, जुनूनी हैं। उन्होंने कहा कि वह हर निर्णय सोच समझकर और विवेकपूर्ण ढंग से लेते हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को विधानसभा में नियम 63 के तहत विधायक विपिन सिंह परमार द्वारा चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय की भूमि में से एक हजार बीघा भूमि पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करने के मुद्दे पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान दखल दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय की यह जमीन लेने का सरकार ने फैसला कर लिया है और यह जमीन पर्यटन विभाग के नाम ट्रांसफर होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस जमीन पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत ढांचा बनाया जाएगा, लेकिन इसमें कैसिनो नहीं बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कांगड़ा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तीन हजार भूमि का अधिग्रहण कर रही है और यदि जरूरी हुआ तो निजी भूमि का भी इस कार्य के लिए अधिग्रहण करेगी। उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय की आड़ में कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर्यटन विभाग के नाम ट्रांसफर न करने की दलील को भी खारिज कर दिया और कहा कि यदि भविष्य में विश्वविद्यालय के लिए और जमीन की जरूरत हुई तो सरकार इसके लिए भी निजी भूमि का अधिग्रहण करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय की 48 सालों में 50 हैक्टेयर भूमि भी विकसित नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाच की सबसे बड़ी ताकत पर्यटन है। इसी उद्देश्य से सरकार ने कांगड़ा जिला को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए कई बड़े निर्णय़ लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह तक धारा 21 के तहत कांगड़ा जमीन के लिए जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो जाएगी। इससे पूर्व, कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कृषि विश्वविद्यालय की जमीन को पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई जाए और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए। हालांकि चंद्र कुमार के इस आग्रह को मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर खारिज कर दिया और कहा कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करेगी। इससे पहले, विधायक विपिन सिंह परमार ने कृषि विश्वविद्यालय की एक जमीन बीघा जमीन को टूरिज्म विलेज के नाम पर पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करने के लिए एनओसी दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा में ही बगोड़ा के समीप ही तीन हजार बीघा जमीन उपलब्ध है, जिसे सरकार पर्यटन गतिविधि के लिए अधिग्रहित कर सकती है। पालमपुर से विधायक व मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि कांगड़ा जिले में पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत ढांचा बढ़ेगा और हाईएंड टूरिस्ट हिमाचल आएंगे। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय को जमीन के बदले दो गुणा लीज मनी देने की मांग की। विधायक रघुबीर सिंह बाली ने भी सरकार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि कांगड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का निर्णय लेना जरूरी है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए माहौल चाहिए। यूनिवर्सिटी कैंपस में टूरिज्म विलेज बनाने की बात सही नहीं है, यह घोर पाप है और नुकसानदायक होगा। उन्होंने कहा कि टूरिस्ट अपने आनंद को आएगा और इससे पढ़ाई का माहौल नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि टूरिज्म विलेज के लिए अच्छी जगह तलाश की जाए, लेकिन यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं। बॉक्स एक दिन बढ़ा मानसून सत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र एक दिन बढ़ा दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति के बाद मानसून सत्र को एक दिन और बढ़ाने की घोषणा की। मानसून सत्र की अब कुल 11 बैठकें होंगी और सत्र 10 सितंबर तक चलेगा। इससे पूर्व संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सत्र में आज भी अधिक कामकाज है। ऐसे में विपक्ष की मांग पर राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर लाई गई चर्चा पर सोमवार तक चर्चा समाप्त होना संभव नहीं है, क्योंकि अधिकांश सदस्य इस मुद्दे पर बोलना चाहेंगे। इसलिए सत्र की बैठक एक दिन और बढ़ा दी जाए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संसदीय कार्य मंत्री के इस प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि सरकार सत्र को बढ़ाने को तैयार है। नेता प्रतिपक्ष जय़राम ठाकुर ने सत्र को बढ़ाए जाने का समर्थन किया।