जयराम ठाकुर और जगत सिंह नेगी के बीच नोक-झोंक का मामला

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी अवांछित टिप्पणियां सदन की कार्यवाही से हटाने का दिया निर्देश
शिमला, 6 सितंबर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के बीते रोज हुई तीखी नोक-झोंक का मामला शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा दिए गए दखल और व्यवस्था के बाद समाप्त हो गया। विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि दोनों नेताओं के बीच हुई नोक-झोंक में आई सभी अवांछित टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। इस विवाद पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब सदन में बहस होती है तो एक-दूसरे के खिलाफ तीखे शब्दों का निकलना लाजिमी है। इसलिए विपक्षी विधायकों को भी संयंम बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही आनलाइन है और बहुत से लोग इसे देख रहे होते हैं। इसलिए सदन में सभी सदस्यों को जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ टिप्पणी जरूर की, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने भी उनके खिलाफ उसी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन नियमों के तहत चलाया जाना चाहिए। जयराम ठाकुर ने इस बात पर भी ऐतराज जताया कि मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि उन्हें गुस्सा आता है। उन्होंने कहा कि वे विपक्ष के नेता हैं और पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रहे मुकेश अग्निहोत्री की तरह ही अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या विपक्ष को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने इस बात पर खेद जताया कि सदन में नियम केवल विपक्ष पर लागू हो रहे हैं। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि जगत सिंह नेगी और विपक्ष के नेता के बीच हुई नोक-झोंक की रिकार्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। इसलिए जगत सिंह नेगी को भी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए, ताकि लोगों को पता चले कि उन्होंने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया था। इससे पहले, भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने प्रश्नकाल के बाद प्वाइंट आफ आर्डर के माध्यम से यह मामला उठाते हुए कहा कि राजस्व मंत्री ने बीते रोज नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की, जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई है। यही नहीं, जगत सिंह नेगी ने मंडी की सांसद कंगना रणौत पर भी अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष से जब कोई ऐसी टिप्पणियां करता है तो मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करपना चाहिए, लेकिन वह न केवल चुप रहते हैं, बल्कि उन्हें इस तरह की टिप्पणियां करने के लिए उकसाते भी हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने उनके खिलाफ उसी भाषा का इस्तेमाल किया, जो मैंने उनके खिलाफ प्रयोग की थी। उन्होंने कहा कि नियम सभी के लिए बराबर हैं, लेकिन विपक्ष हमेशा ही उस वक्त हो-हल्ला करता है, जब वह अपनी बात रखने के लिए खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग विपक्ष के इस व्यवहार को देख रहे हैं। नेगी ने यह भी कहा कि सांसद कंगना रणौत के खिलाफ उन्होंने टिप्पणी हलके-फुलके अंदाज में की थी। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सदन की कार्यवाही में आई सभी अवांछित टिप्पणियों को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में सभी को सद्भाव बनाए रखना चाहिए, ताकि सदन सुचारू रूप से चले और अधिकतम कामकाज हो।