विधानसभा में गूंजा विदेशों से आने वाले सेब का मुद्दा

विधानसभा में गूंजा विदेशों से आने वाले सेब का मुद्दा

केंद्र सरकार ने अभी तक नहीं बढ़ाया आयात शुल्क विदेशी सेब के कारण हिमाचल कज सेब आधारित अर्थ व्यवस्था संकट में: राठौ

शिमला, 6 सितंबर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विदेशों से आने वाले सेब का मामला गूंजा। सदन में कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया और कहा कि विदेशी सेब के कारण हिमाचल की सेब आर्थिकी पर भारी संकट आ गया है। उन्होंने कहा कि यदि दूसरे देशों से सेब का आना न रुका तो हिमाचल की पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिकी तहस-नहस हो जाएगी। इस प्रश्न के उत्तर में राजस्व व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि विदेशों से आने वाले सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का मामला केंद्र सरकार का है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर कई बार केंद्र से पत्राचार किया गया है, लेकिन अभी तक इस दिशा में केंद्र ने कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैलियों में सेब पर आयात शुल्क बढ़ाकर 100 फीसदी करने और सॉफ्ट ड्रिंक में सेब के जूस को 5 फीसदी शामिल करने का भी वादा किया था, लेकिन यह सब जुमले ही साबित हुए। जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका से आने वाले सेब पर आयात शुल्क को और कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पांच साल मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि भारत में 32 देशों से सेब का आयात हो रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले सेब पर रोक लगाने की भी मांग की गई है, ताकि हिमाचल और अन्य राज्यों के सेब बागवानों को लाभकारी मूल्य मिल सके। इस बीच, कुलदीप राठौर ने कहा कि अमेरिका के अलावा अफगानिस्तान के रास्ते से भी सेब आ रहा है और इससे हिमाचल के बागवानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से भी इस मामले में केंद्र सरकार से बात करने को कहा, ताकि हिमाचल के बागवानों को राहत मिले और सेब बागवानों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि इस मामले दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सेब की आर्थिकी को बचाने के लिए कदम उठाने और बात करने की जरूरत है। उधर, विधायक बलबीर वर्मा ने कहा कि सेब और अन्य फलों का रेट बागवान तय करेंगे, वह अभी तक क्यों लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के कार्यकाल में विदेशी सेब पर आयात शुल्क लगाने को लेकर एमओयू साइन किया था और उसके बाद यह स्थिति बनी है। उन्होंने सेब को गढ के हिसाब से सेब न बिकने पर नाराजगी जताई, क्योंकि हिमाचल में दर के हिसाब से सेब बिक रहा है। इस पर बागवानी मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र, प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के मुताबिक था। जब प्रधानमंत्री मोदी ने सेब पर आयात शुल्क नहीं बढ़ाया तो वह सेब के दाम खुद तय करने को लागू नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन लागू किया है और बागवानों को उपदान पर दवाएं फिर से शुरू की है, जो भाजपा सरकार ने बंद कर दी थी। यही नहीं, एमआईएस के तहत दाम बढ़ाए हैं और पूर्व सरकार के कार्यकाल में एमआईएस के तहत अदा की जाने वाली बकाया 126 करोड़ रुपए की राशि भी उनकी सरकार ने दी है। नेगी ने कहा कि सेब को गढ़ या दर से बेचने का मामला खरीददार और बागवान के बीच की बात है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किलो के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था की है और इसे लागू किया गया है। बॉक्स काजा के लिए भावानगर से बनेगा वैकल्पिक मार्ग, दूरी होगी 100 किमी. कम: विक्रमादित्य सिंह लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि किन्नौर के भावानगर से लाहौल-स्पीति के काजा के लिए भावानगर से पिन वैली होते हुए काजा के लिए वैकल्पिक मार्ग बनेगा। इस मार्ग के बनने से काजा के लिए 100 किमी. की दूरी कम होगा। उन्होंने कहा कि यह मार्ग सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। लोकनिर्माण मंत्री ने विधायक अनुराधा राणा के सवाल के जवाब में यह बात कही। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि स्पीति घाटी के लियो बाईपास सड़क मार्ग को बीआरओ के अधीन करने के विभाग ने अपनी अनुमति दे दी है, लेकिन बीआरओ ने अभी इसमें अपने अधीन नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के निर्माण पर काफी धन खर्च हो चुका है और आने वाली समय में इस मार्ग को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को बनाने के लिए 15 करोड़ रुपए की और जरूरत है तथा धन का प्रबंध कर इस मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इससे पहले अनुराधा राणा ने कहा कि 11 किमी. लंबे इस मार्ग के निर्माण में अभी तक 29 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है, लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी भी 1.8 किमी. का कार्य शेष है। उन्होंने इस मार्ग को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की। विधायक सुरेंद्र शौरी के सवाल पर लोकनिर्माण मंत्री ने कहा कि बंजार बाईपास सड़क महत्वपूर्ण है और इस बाईपास के निर्माण का 300 मीटर शेष कार्य बचा है और इस पर 34 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि इस कार्य का निर्माण तय समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के लिए 56 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। सुरेंद्र शौरी ने कहा कि इस बाईपास का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हुआ है और इस कारण बंजार में लगातार जाम की समस्या बनी रहती है। बंजार से जिभी और जलोड़ी जोत की तरफ जाने वाले सैलानियों को भी भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।