हुई समेज में लापता 36 लोगों की तलाश तेज सर्च ऑपरेशन में 6 एल एन टी मशीनों की तैनाती
लाइव डिटेक्टर और खोजी कुत्ते भी कर रहे हैं लापता लोगों को ढूंढने में मदद
सुन्नी डैम से एक महिला का शव बरामद, अभी पहचान नहीं राजबन में भी दो के शव राहत व बचाव अभियान में मिले
शिमला, 05 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों शिमला, कुल्लू और मंडी में बादल फटने से आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। मंडी जिले से दो और शव बरामद किए गए हैं। 31 जुलाई की रात को कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में बादल फटने की घटनाओं के बाद 45 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। मंडी जिले के पधर क्षेत्र के राजबन गांव से सोनम (23) और तीन महीने की मानवी के शव बरामद किए गए हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है और लापता लोगों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों, ड्रोन और अन्य उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, हिमाचल प्रदेश पुलिस और होमगार्ड की टीमों के 410 बचावकर्मी लापता लोगों की तलाश में लगे हुए हैं। रामपुर उपमंडल की ग्राम पंचायत सरपारा के समेज गांव में 36 से अधिक लोग लापता हैं। शिमला जिला के समेज में त्रासदी के चौथे दिन रविवार को सर्च ऑपरेशन में 6 एल एन टी मशीनों को लगाया गया है। इसके साथ ही राहत व बचाव कार्य मे तैनात बल में वृद्धि की गई है। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को प्रभावित सभी सड़कों को शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। जल शक्ति विभाग को सभी प्रभावित पेयजल आपूर्ति की लाइनें शीघ्र बिछाने के निर्देश दिए हैं। विद्युत विभाग को तीन दिनों के भीतर प्रभावित क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग को 37 प्रभावित परिवारों को एक महीने का मुफ्त राशन मुहैया करवाने के निर्देश दिए गए है। वन विभाग को निर्देश दिए है कि टीडी नियमों के अनुसार प्रभावितों को लकड़ी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि सर्च ऑपरेशन के दौरान रविवार से एक मेडिकल टीम नियुक्त की गई है। उपप्रधान सरपारा सी एल नेगी के अनुसार जैसे ही पानी का बहाव कम हुआ है, मशीनें उस स्थान पर पहुंच गई हैं जहां लापता लोगों के मिलने की संभावना है। यहां शवों की तलाश के लिए लाईव डिटेक्टर, खोजी कुत्तों, ड्रोन और अन्य साधनों का सहारा भी लिया जा रहा है इस बीच सुन्नी में कोल डैम क्षेत्र में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान रविवार सुबह एक शव बरामद किया गया है। सुबह सात बजे स्थानीय लोगों को डैम के एक किनारे पर एक शव दिखा। इसकी सूचना सर्च ऑपरेशन में लगी टीम को दी गई। इसके बाद टीम ने शव को पानी से बाहर निकाला। शव एक महिला का है जिसकी उम्र 20 से 25 वर्ष के करीब है। महिला की एक टांग शरीर के हिस्से के साथ नहीं है। इसके साथ ही सिर का ऊपरी हिस्सा भी नहीं है। चेहरे पर काफी चोटें लगी है। महिला के कानों में टॉप्स है। रेस्क्यू टीम ने शव को सीएचसी सुन्नी में पोस्टमाटर्म के बाद रखा है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि शव की पहचान के प्रयास चल रहे हैं। इसके साथ ही कुल्लू जिला प्रशासन को भी शव की पहचान के लिए सूचित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इस त्रासदी के पीड़ितों के लिए 50-50 हजार रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की है और पीड़ितों को अगले तीन महीनों के लिए किराए के लिए 5,000 रुपये मासिक दिए जाएंगे। साथ ही गैस, भोजन और अन्य आवश्यक सामान भी दिया जाएगा। इस बीच 27 जून को मानसून की शुरुआत से लेकर 3 अगस्त तक राज्य को 662 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में अभी तक 79 लोगों की जान गई है। बॉक्स मौनसून की वर्षा से फिलहाल राहत नहीं हिमाचल प्रदेश के लोगों को फिलहाल मानसून की वर्षा से राहत नहीं मिलेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के अनुसार राज्य में 10 अगस्त तक अधिकांश स्थानों पर मौनसून के बारिश होगी। विभाग ने इस दौरान राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट भी जारी किया है। बीते 24 घंटों के दौरान अगाहर में सर्वाधिक 38 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। राज्य के अन्य अधिकांश स्थानों पर भी इस दौरान व्यापक वर्षा हुई। प्रदेश में अधिकतम तापमान सामान्य बना हुआ है जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है।