विधानसभा को कांग्रेस की जनसभा बनाया सरकार ने – जयराम ठाकुर
शिमला, 04 जनवरी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने विधानसभा को कांग्रेस की जनसभा बना दिया है। जयराम ठाकुर ने बुधवार को तपोवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज सदन के भीतर जिस तरह से दर्शक गैलरी में तालियां बजती रही और अधिकारी दीर्घा में अनजान लोग बैठकर बाहर भी चले गए, इससे स्पष्ट है कि सत्र के दौरान सभी नियमों व कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा दर्शक दीर्घा में क्षमता से अधिक एक भी व्यक्ति को प्रवेश पास जारी नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके विपरीत दर्शक दीर्घा में आज पूरा समय कांग्रेस समर्थक लोग न केवल खड़े रहे, बल्कि तालियां भी बजाते रहे। उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति में विधानसभा के भीतर कुछ भी हो सकता है।
जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार द्वारा संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर कहा कि विचार करने के बाद संस्थानों को बंद करना तो समझ में आता है, लेकिन जिस तरह से सरकार ने संस्थान डिनोटिफाई किए, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री किसी के दबाव में आकर ये काम कर रहे हैं, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार के सिर डिनोटिफाई करने का जुनून इस कदर सवार है कि उसने 1952 में खुली एक पुलिस चौकी को भी डिनोटिफाई कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा कर राज्य में नई परिपाटी डाल दी है।
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने और संस्थान बंद करने का काम तुरंत रोकने की सलाह दी। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने भी पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार द्वारा चुनावी वर्ष में खोले गए सैंकड़ों संस्थानों को यथावत जारी रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर ही लोग सड़क-चौराहों पर सरकार के खिलाफ उतर आए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम बर्दाश्त नहीं होगा और भाजपा इस तरह के फैसलों का सदन के भीतर और बाहर जमकर विरोध करेगी।
सुक्खू सरकार संवेदनहीन
जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीते रोज मुख्यमंत्री की आभार रैली में ड्यूटी पर तैनात एक आईपीएस अधिकारी की मौत हो गई। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने रैली को नहीं रोका, जो सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस घटना के तुरंत बाद कांग्रेस को अपना जश्न रोकना चाहिए था, लेकिन मुख्यमंत्री संवेदनहीन बने रहे।