हिमाचल विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू, चार दिवंगत सदस्यों को सदन ने दी श्रद्धांजलि
शिमला, 10 अगस्त
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र बुधवार को आरम्भ हो गया। इस मानसून सत्र की शुरूआत सदन के चार पूर्व सदस्यों स्व. पंडित सुख राम, प्रवीण शर्मा, मस्त राम और रूप सिंह चौहान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोकोद्गार पेश किए। पं. सुखराम आठ बार मंडी विधानसभा सीट से विधायक रहे थे और मंडी संसदीय सीट से सांसद भी चुने गए थे और कई बार केंद्र में मंत्री भी रहे। वहीं, प्रवीण शर्मा चिंतपूर्णी हलके से विधायक रहे थे और पूर्व धूमल सरकार में मंत्री रहे थे। स्व. मस्त राम करसोग से विधायक रहे थे और रूप सिंह चौहान रेणुका हलके से विधायक चुने गए थे। मुख्यमंत्री ने पं. सुखराम को याद करते हुए कहा कि देश में संचार क्रांति में उनके योगदान को हिमाचल ही नहीं पूरा देश हमेशा याद रखेगा। उन्होंने प्रदेश का नेतृत्व करने की पं. सुखराम की महत्वाकांक्षा का भी जिक्र किया और कहा कि उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चला तो पूरा मंडी उनके साथ खड़ा हो गया। उन्होंने मंडी की राजनीति में पं. सुखराम और कर्म सिंह के बीच की राजनीतिक तकरार को भी याद किया।
जयराम ठाकुर ने पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा को याद करते हुए उन्हें दबंग राजनीतिज्ञ करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रवीण शर्मा में सभी को साथ लेकर चलने की महारत थी। उन्होंने स्व. मस्त राम और रूप सिंह चौहान के निधन पर भी शोक जताया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि स्व. मस्त राम सरल स्वभाव के थे और जब भी वे करसोग जाते थे, तो मस्त राम उन्हें मिलने जरूर आते थे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पं. सुखराम को राजनीति का चाणक्य और संचार क्रांति का अग्रदूत बताया और कहा कि उन्हें मंडी के विकास के लिए हमेशा याद किया जाएगा। अग्निहोत्री ने प्रवीण शर्मा को हरफनमौला व्यक्तित्व करार दिया और कहा कि ऊना के विकास में प्रवीण शर्मा के विकास को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। अग्निहोत्री ने कहा कि उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित करने वालों में प्रवीण शर्मा भी थे। उन्होंने मस्त राम को शराफत की मूर्ति करार दिया और उन्हें याद किया। साथ ही उन्होंने स्व. रूप सिंह चौहान के निधन पर भी दुख जताया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने शोकोद्गार में हिस्सा लेते हुए चारों दिवंगत पूर्व विधायकों के कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि पं. सुखराम का लंबा राजनीतिक जीवन, जिन्होंने लगातार आठ चुनाव जीते और तीन बार लोकसभा के चुनाव भी जीते, ने अपने कर्म से अपना स्थान बनाया। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार को यदि हिमाचल निर्माता कहा जाता है तो पं. सुखराम को टेलीकॉम के लिए याद किया जाता है।
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर, वन मंत्री राकेश पठानिया, विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू, रोहित ठाकुर, विनय कुमार, कर्नल धनीराम शांडिल, डॉ. राजीव बिंदल, राकेश सिंघा, बलवीर सिंह, राकेश जम्वाल, विक्रमादित्य सिंह, हीरा लाल और अनिल शर्मा ने भी शोकोद्गार में हिस्सा लिया। बाद में सदन ने चारों पूर्व विधायकों की दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए कुछ समय मौन भी रखा।